Edited By Supreet Kaur,Updated: 12 Sep, 2019 11:40 AM
केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में सेब के किसानों और व्यापारियों की आय बढ़ाने और घाटी में व्यापार को पुनर्जीवित करने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकार घाटी में 8,000 करोड़ रुपए निवेश करने जा रही है। इसमें से 2,000 करोड़ रुपयों से सीधे-सीधे सेब...
नई दिल्लीः केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में सेब के किसानों और व्यापारियों की आय बढ़ाने और घाटी में व्यापार को पुनर्जीवित करने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकार घाटी में 8,000 करोड़ रुपए निवेश करने जा रही है। इसमें से 2,000 करोड़ रुपयों से सीधे-सीधे सेब किसानों से सेब खरीदे जाएंगे। कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद वहां पर किसानों को करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है। घाटी से माल दिल्ली तक लाने के लिए न तो किसानों के पास साधन हैं और न उनके उत्पादों का सही दाम लग रहा है।
आतंकवादियों के कारण कारोबार चौपट
केंद्र सरकार द्वारा संचालित नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (NAFED, नाफेड) कश्मीर में उत्पादित सेबों में से 60 फीसदी को खरीदेगा। दरअसल आतंकवादियों ने सेब की खेती करने वाले किसानों को धमकाया है कि वे अपना माल बाजार में न बेचें। ऐसे में किसानों का व्यापार चौपट हो रहा है। उन्हें करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। पिछले शुक्रवार को आतंकवादियों ने सोपोर में एक प्रमुख फल कारोबारी के परिवार के सदस्यों पर हमला किया था। इस हमले में व्यापारी का 25 वर्षीय पुत्र और ढाई साल की पोती घायल हुए थे।
सीधे खाते में आएंगे पैसे
अधिकारियों के मुताबिक, स्पेशल मार्केट इंटरवेंशन प्राइस स्कीम (MISP) के तहत नाफेड किसानों से ग्रेड ए, बी और सी के सेब खरीदेगा और इसका भुगतान किसानों को सीधे उनके बैंक खातों में किया जाएगा। डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर सुविधा के तहत 48 घंटों में किसानों के अकाउंट में पैसा आ जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक, सेबों का दाम तय करने के लिए हर मंडी के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी जो सेबों की गुणवत्ता और वैराइटी के हिसाब से उनकी कीमत तय करेगी। इसके अलावा पैकेजिंग, ट्रांसपोर्टेशन, स्टोरेज और अन्य संबंधित खर्चों का दाम भी तय करेगी।