Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Sep, 2020 06:23 PM
मोदी सरकार अपनी महत्वकांक्षी योजना ''आत्मनिर्भर भारत'' को बढ़ावा देने के लिए बड़ी तैयारी में है। सरकार जल्द ही अब खिलौनों, स्पोर्ट्स के सामान, ऑटोमोबाइल्स, टेक्सटाइल समेत कई सेक्टर्स में उत्पादन बढ़ाने के लिए स्पेशल इनसेन्टिव्स
बिजनेस डेस्कः मोदी सरकार अपनी महत्वकांक्षी योजना 'आत्मनिर्भर भारत' को बढ़ावा देने के लिए बड़ी तैयारी में है। सरकार जल्द ही अब खिलौनों, स्पोर्ट्स के सामान, ऑटोमोबाइल्स, टेक्सटाइल समेत कई सेक्टर्स में उत्पादन बढ़ाने के लिए स्पेशल इनसेन्टिव्स देने का ऐलान कर सकती है। सूत्रों के अनुसार, सरकार ने कुल 24 सेक्टर्स को चिन्हित किया है, जिन्हें स्पेशल इनसेन्टिव्स दिया जाएगा। इससे इन सेक्टर्स में घरेलू उत्पादन बढ़ेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी। संभव है कि दूसरे राहत पैकेज में इसका ऐलान किया जाए।
इन सभी सेक्टर्स को सरकार अलग-अलग तरीके से इंसेन्टिव्स देगी, ताकि घरेलू उत्पादन कम हो सके। साथ ही भारत को इससे निर्यात के क्षेत्र में अपना पांव जमाने में मदद मिले सकेगी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इसमें फूड प्रोसेसिंग, स्पेशलिटी केमिकल्स, फर्नीचर, फार्मा, स्टील, सोलर प्रोडक्ट और प्लास्टिक बनाने वाली कंपनियों को शामिल किया जाएगा।
दरअसल, पहले केंद्र सरकार इस स्पेशल इंसेन्टिव्स के लिए एक दर्जन सेक्टर्स को चुन रही थी, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में हुई बैठक में इसका दायरा 24 सेक्टर्स तक बढ़ाने का फैसला लिया गया।
किस तरह इंसेन्टिव्स होंगे?
इसके लिए सचिवों की एक कमेटी की बैठक का दौर जारी है। अब तक के प्रस्ताव के मुताबिक, इन सेक्टर्स की कंपनियों को 3 तरीके से बढ़ावा दिया जाएगा। सबसे पहले प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेन्टिव्स (PLI) है, जिसमें कई सेक्टर्स को शामिल किया जाएगा। ये उन सेक्टर्स के लिए होगा, जहां उत्पादन बढ़ाने के लिए कैश इंसेन्टिव्स दिया जा सके। कैश इंसेन्टिव्स सालाना प्रोडक्ट उत्पादन बढ़ाने के आधार पर दिया जा सकता है।
दूसरे इंसेन्टिव्स का नाम फेज मैन्युफैक्चरिंग प्लान (PMP- Phase Manufacturing Plan) रखा जा रहा है। इस नई स्कीम के तहत केंद्र सरकार आयात को धीरे-धीरे कम करेगी। इसके लिए किश्तों में इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई जाएगी, नॉन-टैरिफ बैरियर जैसे क्वॉलिटी कंट्रोल लगाकर इसे बढ़ावा देगी।
तीसर तरीका फ्री ट्रेड अग्रीमेंट (FTA - Free Trade Agreement) होगा। इसके दुरुपयोग कर भारत में जो सस्ते आइटम्स आयात किया जा रहा है, उसपर रोक लगाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। पहले इसकी समीक्षा की जाएगी। संभाव है कि राहत पैकेज की दूसरी किश्त में ये ऐलान हो सकते हैं।