Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Nov, 2017 04:36 PM
मोदी सरकार नौकरी करने वालों को झटका देने की तैयारी कर रही है। सरकार रिटायरमेंट फंड बॉडी ईपीएफओ पीएफ पर मिलने वाली ब्याज दरों में कमी कर सकती है। लेबर मिनिस्ट्री के अधिकारी ने कहा है कि पीएफ पर 8.56 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है। साल 2016-17 में...
नई दिल्लीः मोदी सरकार नौकरी करने वालों को झटका देने की तैयारी कर रही है। सरकार रिटायरमेंट फंड बॉडी ईपीएफओ पीएफ पर मिलने वाली ब्याज दरों में कमी कर सकती है। लेबर मिनिस्ट्री के अधिकारी ने कहा है कि पीएफ पर 8.56 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है।
साल 2016-17 में इसके 4.5 करोड़ मेंबर हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की इस आधार पर ब्याज दर में कटौती करने की संभावना है कि वह सीधे विनिमय व्यापार निधि (ईटीएफ) यूनिट्स को भविष्य निधि खातों में जमा कर रही है।
सीनियर अधिकारी ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन 2017-18 के लिए भविष्य निधि जमा राशियों पर ब्याज दर में कटौती कर सकता है, क्योंकि ईटीएफ निवेश को सीधे ग्राहकों के खाते में जमा करने की योजना है। हालांकि, अधिकारी ने कहा कि ईपीएफओ अभी भी चालू वित्त वर्ष के लिए इनकम प्रॉजेक्शन का काम कर रहा है, जो कि इस वित्त वर्ष के लिए उपभोक्ता खातों में ब्याज दर को जमा करने का आधार बन जाएगा। इससे पहले गुरुवार को ईपीएफओ ने मूल्यांकन और इक्विटी निवेश के लेखांकन के लिए पॉलिसी को मंजूरी दी थी।
ईटीएफ पर मिलने वाले फायदे को सब्सक्राइबर खाते में जमा किया जाएगा लेकिन सदस्यों को निकासी के समय इन इक्विटी लिंक्ड इनवेस्टमेंट पर पूरी रकम का एहसास हो पाएगा। ग्राहकों के पास अपने खातों से एडवांस लेते समय ईटीएफ यूनिटों को खत्म करने या कैश निकालने का विकल्प होगा। वित्त मंत्रालय, श्रम मंत्रालय पर दवाब बना रहा है कि वह अपने ईपीएफ की दर को अपनी छोटी सेविंग स्कीम जैसे पीपीएफ की तरह करे। पिछले साल दिसंबर में ईपीएफ की ब्याज दर को साल 2016-17 के लिए 8.65 फीसदी कर दिया था, यह साल 2015-16 में 8.8 फीसदी थी।