मोदी सरकार का भ्रष्‍टाचार पर कड़ा प्रहार, 21 कर अधिकारियों को किया जबरन रिटायर

Edited By Supreet Kaur,Updated: 26 Nov, 2019 04:28 PM

modi government gave 21 corrupt tax officers forced to retire

मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप में 21 कर अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया है।सरकार ने पांचवीं बार भ्रष्‍ट अधिकारियों को सिस्‍टम से बाहर निकालने की घोषणा की है। वित्‍त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक सरकार ने भ्रष्‍टाचार और अन्‍य गलत कार्यों में...

नई दिल्लीः मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप में 21 कर अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया है।सरकार ने पांचवीं बार भ्रष्‍ट अधिकारियों को सिस्‍टम से बाहर निकालने की घोषणा की है। वित्‍त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक सरकार ने भ्रष्‍टाचार और अन्‍य गलत कार्यों में लिप्‍त अधिकारियों को पकड़ने के लिए एक अभियान चलाया हुआ है और ऐसे भ्रष्‍ट अधिकारियों को सजा के तौर पर उन्‍हें जबरन रिटायर किया जा रहा है।
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भ्रष्‍टाचार सहित लगे कई अन्य आरोप
वित्‍त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सार्वजनिक हित में मौलिक नियम 56 (जे) के तहत ग्रुप बी रैंक के 21 आयकर अधिकारियों को जबरन रिटायर किया है। इन सभी अधिकारियों पर भ्रष्‍टाचार के अलावा अन्‍य संगीन आरोप हैं और ये सभी सीबीआई की जांच के घेरे में हैं।

इन अधिकारियों के खिलाफ हुई कारर्वाई
जिन अधिकारियों के विरूद्ध कारर्वाई की गई है उनमें राजमुंदरी में पदस्थ सीएच राजाश्री , विशाखापत्तनम में पदस्थ बी श्रीनिवास राव, हैदराबाद में पदस्थ जी वेंकटेश्वर राव, विशाखापत्तनम में पदस्थ पी वेंकटेश्वर राव, श्रीमती लक्ष्मी नीरज, हजारीबाग में पदस्थ विनोद कुमार पाल, हजारीबाग में ही पदस्थ तरूण राय , मुंबई में पदस्थ सुश्री प्रीत बाबुकुट्टन, मुंबई में पदस्थ विजय कुमार कोहाड़, मुंबई में पदस्थ टी वी मोहन, ढाणे में पदस्थ अनिल मल्लेल,ढाणे में ही पदस्थ माधवी चव्हाण, आईटीओ मुख्यालय में पदस्थ एम डी जगदाले, राजकोट में पदस्थ राजेन्द्र सिंघल, गुजरारत में पदस्थ जे बी सिंह, जोधपुर में पदस्थ आर के बोथरा, जोधपुर में ही पदस्थ आर एस सिसोदिया, सवाई माधोपुर में पदस्थ के एल मीना, बीकानेर में पदस्थ एव के फुलवरिया, उज्जैन में पदस्थ अजय विरेह और भोपाल में पदस्थ आर सी गुप्ता शामिल हैं।
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जानें क्या है नियम 56?
दरअसल, मौलिक नियम 56 का इस्तेमाल ऐसे अधिकारियों पर किया जा सकता है जो 50 से 55 साल की उम्र के हों और 30 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। सरकार के पास यह अधिकार है कि वह ऐसे अधिकारियों को अनिर्वाय रिटायरमेंट दे सकती है। ऐसा करने के पीछे सरकार का मकसद नॉन-परफॉर्मिंग सरकारी सेवक को रिटायर करना होता है। ऐसे में सरकार यह फैसला लेती है कि कौन से अधिकारी काम के नहीं हैं।
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