Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Aug, 2020 12:23 PM
इस महीने के पहले सोमवार (3 अगस्त) को रक्षाबंधन का त्योहार है। मोदी सरकार एक खास स्कीम के तहत सस्ता सोना खरीदने का मौका दे रही है। ऐसे में आप सस्ता सोना खरीद कर अपनी बहन को तोहफा दे सकते हैं। दरअसल, 3 अगस्त से
बिजनेस डेस्कः इस महीने के पहले सोमवार (3 अगस्त) को रक्षाबंधन का त्योहार है। मोदी सरकार एक खास स्कीम के तहत सस्ता सोना खरीदने का मौका दे रही है। ऐसे में आप सस्ता सोना खरीद कर अपनी बहन को तोहफा दे सकते हैं। दरअसल, 3 अगस्त से एक बार फिर सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत होने वाली है। रिजर्व बैंक इस स्कीम के तहत सोने बेचने का काम करती है। यह स्कीम हर बार कुछ ही दिनों के लिए खुलती है। इस बार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की 5वीं सीरीज 3 अगस्त से लेकर 7 अगस्त के बीच खुलने वाली है।
इसके तहत प्रति ग्राम सोने की कीमत 5334 रुपए तय की गई है। जो लोग इनके लिए ऑनलाइन आवेदन करेंगे और डिजिटल पेमेंट के जरिए भुगतान करेंगे, उन्हें प्रति ग्राम 50 रुपए का डिस्काउंट मिलेगा। इस स्कीम में आवेदन करने वालों को गोल्ड का ऐलाटमेंट 11 अगस्त 2020 को कर दिया जाएगा। वहीं इसके बाद सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की छठी सीरीज भी 31 अगस्त से लेकर 4 सितंबर के बीच निवेश के लिए खुल जाएगी। इसमें निवेश करने वालों को गोल्ड का ऐलटामेंट 8 सितंबर 2020 को किया जाएगा।
इश्यू प्राइस पर 2.50 फीसदी ब्याज मिलता है
सॉवरेन गोल्ड बांड में इश्यू प्राइस पर हर साल 2.50 फीसदी का निश्चित ब्याज मिलता है। यह पैसा हर 6 महीने में अपने आप आपने खाते में पहुंच जाता है। फिजिकल गोल्ड और गोल्ड ईटीएफ पर आपको इस तरह का फायदा नहीं मिलता। एनएसई के वेबइसाट पर दी गई जानकारी के अनुसार सॉवरेन गोल्ड बांड में निवेश का एक फायदा यह भी है कि 8 साल के मैच्योरिटी पीरियड के बाद इससे होने वाले लाभ पर कोई टैक्स नहीं लगता है। इसके साथ ही हर छह महीने पर मिलने वाले ब्याज पर कोई टीडीएस भी नहीं लगता।
इस बॉन्ड को कम से कम एक ग्राम और अधिकतम 4 किलोग्राम तक खरीदा जा सकता है। इसमें प्योरिटी और सिक्योरिटी की टेंशन नहीं रहती है। इसके लिए आप डिजिटल तरीके से बैंक, निर्धारित पोस्ट ऑफिस, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, एनएसई और बीएसई में आवेदन कर सकते हैं।
क्या है सॉवरेन गोल्ड बांड?
सॉवरेन गोल्ड बांड एक सरकारी बांड होता है। इसे डीमैट रूप में परिवर्तित कराया जा सकता है। इसका मूल्य रुपए या डॉलर में नहीं होता है, बल्कि सोने के वजन में होता है। यदि बांड पांच ग्राम सोने का है, तो पांच ग्राम सोने की जितनी कीमत होगी, उतनी ही बांड की कीमत होगी। इसे खरीदने के लिए सेबी के अधिकृत ब्रोकर को इश्यू प्राइस का भुगतान करना होता है। बांड को भुनाते वक्त पैसा निवेशक के खाते में जमा हो जाता है। यह बांड भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) सरकार की ओर से जारी करता है।