Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Nov, 2017 09:35 AM
ग्लोबल रेटिंग्स एजैंसी मूडीज ने 13 साल बाद भारत की रेटिंग में सुधार का ऐलान किया है। इससे सरकार की बांछें खिल गई हैं क्योंकि मूडीज ने अपने बयान में नोटबंदी और जी.एस.टी. की जमकर तारीफ कर दी है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर...
नई दिल्लीः ग्लोबल रेटिंग्स एजैंसी मूडीज ने 13 साल बाद भारत की रेटिंग में सुधार का ऐलान किया है। इससे सरकार की बांछें खिल गई हैं क्योंकि मूडीज ने अपने बयान में नोटबंदी और जी.एस.टी. की जमकर तारीफ कर दी है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मूडीज का मानना है कि नरेंद्र मोदी सरकार के सुधार व्यावसायिक माहौल सुधारेंगे, उत्पादकता बढ़ाएंगे, विदेशी एवं घरेलू निवेश में तेजी लाएंगे और आखिरकार मजबूत एवं टिकाऊ विकास को प्रोत्साहन देंगे।’’
वित्त सचिव हसमुख अधिया का कहना है कि निवेशकों ने सरकार के सुधारों का समर्थन पहले ही कर दिया था। अधिया ने ट्वीट किया, ‘‘लॉन्ग टर्म रिफॉम्र्स और फिस्कल कन्सॉलिडेशन के लिए सरकार ने जो रास्ता चुना उसका निवेशक समर्थन कर चुके हैं। अब रेटिंग एजैंसी ने भी इसकी औपचारिक तौर पर पुष्टि कर दी है जो स्वागतयोग्य है।’’ वहीं मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यन ने कहा कि रेटिंग में सुधार का ऐलान तो सही है लेकिन इसमें बहुत देर हो गई। उन्होंने कहा, ‘‘यह स्वागतयोग्य है लेकिन हमें लगता है कि इसमें बहुत देर हो गई। यह जी.एस.टी., बैंकरप्सी और अन्य सुधारों को लेकर सरकार के कदमों पर मोहर लगाने जैसा है।’’
राजीव गांधी के पी.एम. रहते मिली थी ए-2 रेटिंग
इससे पहले वर्ष 1988 के राजीव गांधी के पी.एम. (प्राइम मिनिस्टर) रहते इकोनॉमी को ए-2 रेटिंग मिली थी। उसके बराबर आने में मोदी सरकार को अभी 3 रेटिंग की छलांग लगानी होगी। मूडीज ने वर्ष 1988 में भारत को ए-2 रेटिंग दी थी। राजीव गांधी 1984 से 89 तक पी.एम. रहे थे और उस दौर में इकोनॉमी बड़ी मुश्किलों से गुजर रही थी। उन्होंने इकोनॉमी में उदारीकरण की शुरूआत करते हुए कई सैक्टर्स को फॉरेन इन्वैस्टर्स के लिए खोला था।