Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Jun, 2019 11:18 AM
देश के अलग-अलग हिस्सों में पानी के संकट ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर देश में अभी से राष्ट्रीय स्तर पर जल नीति नहीं बनाई गई, तो आने वाले वक्त में जल संकट की स्थिति काफी भयावह हो सकती है। यही कारण है कि अब सरकार बढ़ते जल सकंट से निपटने के लिए...
बिजनेस डेस्कः देश के अलग-अलग हिस्सों में पानी के संकट ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर देश में अभी से राष्ट्रीय स्तर पर जल नीति नहीं बनाई गई, तो आने वाले वक्त में जल संकट की स्थिति काफी भयावह हो सकती है। यही कारण है कि अब सरकार बढ़ते जल सकंट से निपटने के लिए गंभीर हो गई है। इस गंभीर संकट से निपटने के लिए सरकार ने अब राष्ट्रव्यापी योजना बनाना शुरू कर दिया है।
पेट्रोल-डीजल पर लगेगा वाटर सेस
वित्त मंत्रालय के विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, वाटर सेस को पेट्रोल-डीजल पर लगाया जा सकता है। दरअसल, ज्यादातर उत्पादों पर जीएसटी लगता है लेकिन पेट्रोल-डीजल अभी भी जीएसटी के दायरे से बाहर है। ऐसे में सरकार पेट्रोल-डीजल पर ही वाटर सेस लगा सकती है। पेट्रोल-डीजल पर सेस लगाने से सरकार को भी जो भी राजस्व मिलेगा, उसका इस्तेमाल जल संकट से जुड़ी योजनाओं पर किया जाएगा।
30 से 50 पैसे प्रति लीटर हो सकता है सेस
रिपोर्ट के अनुसार, पेट्रोल-डीजल पर प्रति लीटर 30 से 50 पैसे का सेस लगाया जा सकता है। ऐसा करने से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से सेस पर असर नहीं पड़ेगा। आपको बता दें कि 2018 के बजट में सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर 8 रुपए का रोड और इंफ्रास्ट्रक्चर सेस लगाया था। तब सरकार ने कहा था कि सेस के जरिए जुटाई जाने वाली रकम को सड़क और अन्य बुनियादी ढांचों के निर्माण व रखरखाव पर खर्च किया जाएगा।
तमिलनाडु जल संकट ने सोचने पर किया मजबूर
हाल ही में तमिलनाडु में जल संकट ने कई तरह के सवाल सामने खड़े कर दिए हैं। ऐसा देश के किसी भी हिस्से में हो सकता है। ताज्जुब की बात तो ये है कि देश में अभी तक किसी सरकार की ओर से जल संकट को लेकर कोई नीति नहीं बनाई है। अगर जल्द ही देश में जल नीति नहीं बनाई गई तो आने वाले दिनों में स्थिति और भी दयनीय हो सकती है। इसी वजह से केंद्र की मोदी सरकार राष्ट्रीय स्तर पर जल नीति तैयार करने पर विचार शुरू कर दिया है। जिसके तहत कई योजनाओं की भी शुरूआत की जाएगी।