Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Feb, 2021 11:53 AM
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में एक सवाल पर दिए जवाब में बताया कि एक उच्चस्तरीय समिति ने सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर भारत में प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया है। समिति का कहना है कि सिर्फ सरकार की ओर से जारी
बिजनेस डेस्कः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में एक सवाल पर दिए जवाब में बताया कि एक उच्चस्तरीय समिति ने सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर भारत में प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया है। समिति का कहना है कि सिर्फ सरकार की ओर से जारी ई-करेंसी को ही भारत में मंजूरी दी जाए। वित्त मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग को लेकर सख्त दिशानिर्देश जारी करने की योजना बना रही है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने राज्यसभा को बताया कि आर्थिक मामलों के सचिव की अध्यक्षता में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े मुद्दों का अध्ययन करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति (IMC) का गठन कर दिया गया है। वहीं, वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने संसद के उच्च सदन में एक सवाल के जवाब में बताया कि सरकार जल्द ही क्रिप्टोकरेंसी पर विधेयक लेकर आएगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा कानून इससे संबंधित मामलों से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। आरबीआई और सेबी जैसी नियामक संस्थाओं के पास क्रिप्टोकरेंसी को सीधे तौर पर रेगुलेट करने के लिए कोई कानूनी व्यवस्था नहीं है।
वित्त राज्यमंत्री ठाकुर ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पहचान किए जा सकने वाले यूजर्स की ओर से जारी करेंसी, एसेट्स, सिक्योरिटी या कमोडिटी नहीं हैं। इसलिए आरबीआई और सेबी के पास इनके नियमन के लिए पर्याप्त कानून नहीं है। सरकार ने एक समिति बनाई थी, जिसने वर्चुअल करेंसी से संबंधित मामलों पर अपनी रिपोर्ट दे दी है। एम्पावर्ड टेक्नोलॉजी ग्रुप की एक बैठक हुई। कैबिनेट सचिव की अगुवाई में सचिवों की कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट दी है। ठाकुर ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर एक बिल को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसे जल्द कैबिनेट को भेजा जाएगा, हम जल्द ही बिल लेकर आएंगे।
क्रिप्टोकरेंसी क्या है
आम बोलचाल की भाषा में क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल करेंसी भी कहा जाता है। क्रिप्टोकरेंसी एक Peer To Peer इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम होता है और ऐसा मानते हैं कि इसके जरिए सरकार या बैंकों को बगैर बताए भी काम कर सकते हैं। कूटलेखन तकनीक के जरिए करेंसी के ट्रांजेक्शन का पूरा लेखा-जोखा किया जाता है। वहीं क्रिप्टोकरेंसी को हैक करना काफी मुश्किल काम है जिसकी वजह से धोखाधड़ी की संभावना कम रहती है।