LIC में 25 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर खजाना भरने की तैयारी में मोदी सरकार, IPO में इन्हें मिलेगी छूट

Edited By rajesh kumar,Updated: 08 Sep, 2020 11:29 AM

modi government preparing to fill treasury by selling 25 per cent stake in lic

देश की सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी का आईपीओ भारत का सबसे बड़ा IPO साबित हो सकता है। सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम की 25 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना के तहत रिटेल इन्वेस्टर्स को बोनस और डिस्काउंट देने पर विचार कर रही है।

नई दिल्ली: देश की सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी का आईपीओ भारत का सबसे बड़ा IPO साबित हो सकता है। सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम की 25 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना के तहत रिटेल इन्वेस्टर्स को बोनस और डिस्काउंट देने पर विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज ने एलआईसी में हिस्सेदारी बेचने का ड्राफ्ट तैयार किया है और इसे सेबी, इरडा और नीति आयोग समेत संबंधित मंत्रालयों के पास भेजा गया है। इस पूरे विषय पर जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि सरकार कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को 100 फीसदी से घटाकर 75 फीसदी तक सीमित करना चाहती है।

PunjabKesari
बता दें कि मोदी सरकार कोरोना काल में एलआईसी के आईपीओ से बड़ी रकम हासिल करना चाहती है। सरकार के मुताबिक, इस दौर में कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च बढ़ने और टैक्स में कमी होने के अंतर की भरपाई एलआईसी की हिस्सेदारी को बेचने से पूरी हो जाएगी। ऐसे में सरकार ने एलआईसी में 25 फीसदी हिस्सेदारी बेचना का फैसला लिया है, जबकि पहले 10 फीसदी स्टेक ही बेचने की योजना थी। 

PunjabKesari
हालांकि पहले चरण में सरकार 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। उसके बाद अन्य हिस्सेदारी को बाद में बेचने की योजना है। सूत्रों की मानें तो एलआईसी की हिस्सेदारी बेचने में रिटेल इन्वेस्टर्स को प्राथमिकता दी जा सकती है और इसके लिए उन्हें 10 पर्सेंट का डिस्काउंट दिया जा सकता है। यह डिस्काउंट एलआईसी में काम करने वाले कर्मचारियों को भी मिलेगा।

PunjabKesari
रिटेल इन्वेस्टर्स और कर्मचारियों के लिए 5 फीसदी शेयर रिजर्व किए जा सकते हैं। हालांकि शेयर्स को रिजर्व रखने का फैसला कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही लिया जाएगा। इसके अलावा शुरुआती दिनों में बोनस शेयर की सुविधा भी दी जा सकती है। एलआईसी की हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार की ओर से एलआईसी ऐक्ट, 1956 में बदलाव भी किया जाएगा। एलआईसी की स्थापना इसी ऐक्ट के तहत की गई थी। दरअसल एलआईसी कंपनीज ऐक्ट के तहत नहीं चलती है बल्कि यह एक स्वायत्त संस्था है और इसका संचालन एलआईसी ऐक्ट, 1956 के तहत किया जाता है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद एलआईसी ऐक्ट में संशोधन के प्रस्ताव को सरकार संसद में पेश करेगी।

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!