Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Nov, 2018 03:18 PM
मोदी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़ी योजना का शुभारंभ करने जा रही है। इसके तहत 1 लाख करोड़ रुपए की लागत से देशभर में 14 बड़े राष्ट्रीय रोजगार क्षेत्र (मेगा नैशनल एंप्लॉयमेंट जोन) स्थापित किए जाएंगे।
नई दिल्लीः मोदी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़ी योजना का शुभारंभ करने जा रही है। इसके तहत 1 लाख करोड़ रुपए की लागत से देशभर में 14 बड़े राष्ट्रीय रोजगार क्षेत्र (मेगा नैशनल एंप्लॉयमेंट जोन) स्थापित किए जाएंगे। योजना का मकसद अगले तीन वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मुहैया कराना है।
नीति आयोग की मदद से जहाजरानी मंत्रालय इस योजना को अंतिम रूप दे रहा है। दरअसल, मोदी सरकार ने 2014 के लोकसभा चुनाव घोषणा पत्र में हर वर्ष रोजगार के 2 करोड़ अवसर पैदा करने का वादा किया था, लेकिन इस मोर्चे पर उसका प्रदर्शन कुछ खास नहीं माना जा रहा है। इसलिए, वह 2019 के लोकसभा चुनाव मैदान में जनता का सामना करने से पहले अपना पक्ष मजबूत कर लेना चाहती है।
शीर्ष सरकारी सूत्रों ने इकनॉमिक टाइम्स से कहा कि नए निर्मित होने वाले रोजगार क्षेत्रों को कई वित्तीय एवं गैर-वित्तीय लाभ दिए जाएंगे। इनमें निश्चित अवधि के लिए टैक्स से छूट (टैक्स हॉलिडे), पूंजी जुटाने पर राहत (कैपिटल सब्सिडी) और एक जगह से ही सभी अनिवार्य नियामकीय आदेशों की की प्राप्ति (सिंगल विंडो क्लियरेंस) आदि शामिल होंगे। ये सुविधाएं इन रोजगार क्षेत्रों को मैन्युफैक्चरिंग बेस बनाने वाली कंपनियों को नवसृजित रोजगार की संख्या के आधार पर मिलेंगी।
शिपिंग मिनिस्ट्री ने इन 14 राष्ट्रीय रोजगार क्षेत्रों की स्थापना स्पेशल पर्पज वीइकल रूट के तहत तटीय राज्यों में किए जाने का प्रस्ताव रखा है। एक सूत्र ने बताया, 'इन क्षेत्रों में पारंपरिक रूप से श्रमिक आधारित वस्त्र, चमड़ा एवं रत्ना-आभूषण जैसे क्षेत्रों के अलावा फूड, सीमेंट, फर्निचर, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों के 35 इंडस्ट्रियल क्लस्टर्स होंगे।'
सूत्र ने अपनी पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया, 'जहाजरानी मंत्रालय ने प्रस्ताव की मंजूरी के लिए व्यय वित्त समिति (EFC) को नोट भेजा है। उसके बाद मंत्रालयों के बीच सलाह-मशविरे के लिए एक केबिनेट नोट जारी होगा।'