Edited By vasudha,Updated: 02 Nov, 2018 05:20 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले ने जहां पूरे देश को हिला कर रख दिया था, तो वहीं ऑनलाइन बाजार के लिए वह ग्रोथ का अवसर बन गया था। नोटबंदी के दौरान ऑनलाइन पेमेंट सर्विस देने वाली कंपनी पेटीएम के कारोबार में बड़ी तेजी से उछाल हुआ...
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले ने जहां पूरे देश को हिला कर रख दिया था, तो वहीं ऑनलाइन बाजार के लिए वह ग्रोथ का अवसर बन गया था। नोटबंदी के दौरान ऑनलाइन पेमेंट सर्विस देने वाली कंपनी पेटीएम के कारोबार में बड़ी तेजी से उछाल हुआ। हालांकि, मोदी सरकार के कारण ऊपर चढ़ी यह कंपनी अब डूबने के कगार पर पहुंच गई है।
लगातार हो रहा घाटा
पेटीएम समूह के ऑनलाइन रिटेल बिजनेस का घाटा डिजिटल पेमेंट कारोबार की तुलना में लगातार बढ़ रहा है। डिजिटल भुगतान मामले में पेटीएम को फ्लिपकार्ट के फोनपे और गूगल-पे से लगातार चुनौती मिल रही है। कंपनी ने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के अनुसार पिछले फाइनेंशियल ईयर में कंपनी को 879.6 करोड़ रुपए का घाटा हुआ।
पेटीएम मॉल को हुआ भारी नुकसान
बीते वित्त वर्ष में कंपनी का नुकसान 903.09 करोड़ रुपए से बढ़कर 1,606.05 करोड़ रुपए रहा। कंपनी को यह नुकसान विज्ञापन, मार्केटिंग और पेमेंट गेटवे पर खर्च बढ़ने के कारण हुआ है। साथ ही, पेटीएम ई-कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड के तहत ऑनलाइन रिटेल बिजनेस पेटीएम मॉल को बीते वित्त वर्ष में एक बार फिर नुकसान का झटका झेलना पड़ा है। कंपनी की कुल आय 774.86 करोड़ रुपए रही, जबकि उसे 1,787.55 करोड़ रुपए का घाटा हुआ।
नोटबंदी से पेटीएम को हुआ क्या फायदा
नोटबंदी के दौरान ऑनलाइन वॉलेट, मोबाइल रिचार्ज, बिल पेमेंट, मनी ट्रान्सफर और शॉपिंग फीचर से लाखों नए लोग जुड़े और पुराने ग्राहकों ने भी जम कर इसका उपयोग किया। लोगों की भीड़ पेटीएम पर इस कदर उमड़ी कि हर रोज 70 लाख लेन-देन के सौदे होने लगे, जिससे पेटीएम का प्रतिदिन बिज़नेस 120 करोड़ रूपए का होने लगा। नोटबंदी से कंपनी को इतना फायदा हुआ कि 5 बिलियन के बिज़नेस का लक्ष्य समय से 4 महीने पहले ही पूरा हो गया।