तेल उत्पादक देशों को मोदी की दो टूक, कीमतें तय करने में न करें मनमानी

Edited By Pardeep,Updated: 12 Apr, 2018 04:56 AM

modis two fold oil producing countries do not try to fix prices

पूरी दुनिया को तेल सप्लाई करने वाले ओपेक देशों को संदेश देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गैर-वाजिब तरीकों से कच्चे तेल की कीमतों को प्रभावित करना ठीक नहीं है और इसकी वाजिब कीमत तय करने के लिए विश्व स्तर पर सहमति बननी चाहिए। दिल्ली में...

नई दिल्ली: पूरी दुनिया को तेल सप्लाई करने वाले ओपेक देशों को संदेश देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गैर-वाजिब तरीकों से कच्चे तेल की कीमतों को प्रभावित करना ठीक नहीं है और इसकी वाजिब कीमत तय करने के लिए विश्व स्तर पर सहमति बननी चाहिए।

दिल्ली में आयोजित 16वें अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा मंच की मंत्री स्तरीय बैठक में मोदी ने तेल उत्पादक देशों को दो टूक कहा कि दुनिया लंबे अर्से से तेल की कीमतों को रोलर कोस्टर पर देख रही है। हमें उत्पादक और उपभोक्ता दोनों के हितों को देखते हुए इसकी कीमतों को लेकर समझदारी भरा फैसला लेना चाहिए। दुनिया को तेल और गैस के लचीले और ट्रांसपेरैंट बाजार की ओर रुख करने की जरूरत है। सरकार ने वित्त और पैट्रोलियम मंत्रियों को मौजूदा नीलामी में सफल बोलीदाता को तेल एवं गैस ब्लाक आबंटित करने की आज अनुमति दे दी। लाइसैंस देने में तेजी तथा कारोबार सुगमता के मकसद से यह कदम उठाया गया है। अब तक केवल प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल को ही तेल एवं गैस की खोज तथा उत्पादन के लिए ब्लाक या क्षेत्र आबंटित करने का अधिकार था। 

दोनों पक्ष तरक्की करें 
तेल उपभोग के मामले में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है। भारत अपनी जरूरत का 80 प्रतिशत तेल आयात करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह तेल उत्पादक देशों के हित में है कि अन्य अर्थव्यवस्थाएं भी स्थिरता के साथ तरक्की करती रहें। उन्होंने कहा कि क्यों न हम इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल विश्व सहमति बनाने के लिए करें, जिसमें तेल और गैस की वाजिब कीमतें तय की जाएं। मोदी ने कहा कि पिछले साल मैंने एक एजैंसी द्वारा बनाई गई एनर्जी रिपोर्ट को पढ़ा। इसके मुताबिक आने वाले 25 वर्षों में ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो जाएगी। अगले 25 साल तक भारत की ऊर्जा खपत 4.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। यह रफ्तार दुनिया में सबसे तेज होगी। 

किफायती ऊर्जा आज की जरूरत 
मोदी ने कहा कि अब सौर ऊर्जा पहले के मुकाबले ज्यादा किफायती हो गई है। धीरे-धीरे बिजली हासिल करने के लिए कोयले का इस्तेमाल खत्म होगा। स्वच्छ और किफायती ऊर्जा आज की जरूरत है और समझदारी से इसकी कीमत तय करने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा मानना है कि भारत की ऊर्जा भविष्य के चार स्तंभ हैं-ऊर्जा उपलब्धता, ऊर्जा क्षमता, ऊर्जा स्थिरता और ऊर्जा सुरक्षा। 

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