Edited By Isha,Updated: 01 Feb, 2019 03:21 PM
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत औसत मासिक कर संग्रह पिछले वित्त वर्ष के 89,700 करोड़ रुपये से बढ़कर चालू वित्त वर्ष में 97,100 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। उन्होंने कहा कि कर की मुख्य दरों में कमी तथा छूट...
नई दिल्लीः वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत औसत मासिक कर संग्रह पिछले वित्त वर्ष के 89,700 करोड़ रुपये से बढ़कर चालू वित्त वर्ष में 97,100 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। उन्होंने कहा कि कर की मुख्य दरों में कमी तथा छूट के बाद भी राजस्व संग्रह बढ़ रहा है। गोयल ने लोकसभा में 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा, ‘‘इस साल औसत मासिक जीएसटी संग्रह पिछले साल के 89,700 करोड़ रुपये से बढ़कर 97,100 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
उन्होंने कहा कि जीएसटी से कर का दायरा बढ़ा है, कर संग्रह बढ़ा है और व्यापार आसान हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘यह दैनिक परिचालन तथा आकलन में कर दाताओं और सरकार का आमना-सामना कम करेगा। अब रिटर्न पूरी तरह ऑनलाइन हैं और ई-वे बिल व्यवस्था अमल में है।’’ गोयल ने कहा कि जीएसटी लागू होने से एक राज्य से दूसरे राज्य में माल ले जाना तेज, अधिक प्रभावी तथा प्रवेश कर, चेकपोस्ट और ट्रकों के कतारों जैसी रुकावट से मुक्त हो गया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी दर लगातार कम की गयी है जिससे उपभोक्ताओं को सालाना करीब 80 हजार करोड़ रुपये की राहत मिल रही है। उन्होंने कहा कि गरीबों तथा मध्यम वर्ग के दैनिक इस्तेमाल के अधिकांश सामानों को अब शून्य से पांच प्रतिशत के कर दायरे में रखा गया है।
गोयल ने कहा, ‘‘हमारी सरकार घर खरीदारों के जीएसटी बोझ कम करना चाहती है और इसीलिये जीएसटी परिषद ने मंत्रियों का एक समूह बनाया है जो इस बारे में जल्दी ही सुझाव देगा। उन्होंने कहा कि व्यापार के अनुकूल कदमों से 35 लाख से अधिक छोटे व्यापारियों, विनिर्माताओं और सेवा प्रदाताओं को लाभ मिलेगा।