Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Mar, 2018 10:52 AM
भारतीय स्टेट बैंक (एस.बी.आई.) ने स्पष्ट किया है कि सहयोगी बैंकों के उसके साथ विलय होने के बाद ग्राहकों के इन बैंकों में एक से ज्यादा खाते होने की वजह से वर्ष के दौरान अपेक्षाकृत कुछ ज्यादा खाते बंद हुए। बैंक ने 41.16 लाख बचत खाते बंद
नई दिल्लीः भारतीय स्टेट बैंक (एस.बी.आई.) ने स्पष्ट किया है कि सहयोगी बैंकों के उसके साथ विलय होने के बाद ग्राहकों के इन बैंकों में एक से ज्यादा खाते होने की वजह से वर्ष के दौरान अपेक्षाकृत कुछ ज्यादा खाते बंद हुए। बैंक ने 41.16 लाख बचत खाते बंद के समाचार के बाद यह स्पष्टीकरण जारी किया। इसमें कहा गया है कि औसत न्यूनतम मासिक शेष की व्यवस्था शुरू होने के बाद स्टेट बैंक ने ये खाते बंद किए हैं।
बैंक की जारी विज्ञप्ति में स्पष्ट किया गया है कि अप्रैल 2017 में स्टेट बैंक के सहयोगी बैंकों का उसके साथ विलय होने के बाद यह स्थिति बनी है। ग्राहकों के अलग- अलग सहयोगी बैंकों और स्टेट बैंक में कई खाते होने की वजह से वर्ष के दौरान बंद होने वाले खातों की संख्या कुछ ज्यादा रही। बैंक ने कहा है कि उसके पास 41 करोड़ बचत खाते हैं। चालू वित्त वर्ष के दौरान 2.10 करोड़ बचत बैंक खाते खोले गए जिसमें से 1.10 करोड़ खाते प्रधानमंत्री जनधन योजना (पी.एम.जे.डी.वाई.) के तहत खोले गए। ये खाते न्यूनतम औसत मासिक शेष की अनिवार्यता से मुक्त हैं। स्टेट बैंक संपत्ति, जमा राशि, मुनाफा, शाखाओं और ग्राहकों के साथ साथ कर्मचारियों के लिहाज से देश का सबसे बड़ा वाणिज्यिक बैंक है।