GST से तत्काल पैदा होंगी 1 लाख से ज्यादा नौकरियां

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jun, 2017 10:14 AM

more than 1 lakh jobs will be created immediately from gst

जी.एस.टी. के लागू होने से जहां एक ओर कारोबारियों के लिए आसानी होने की बात की जा रही है..

नई दिल्ली: जी.एस.टी. के लागू होने से जहां एक ओर कारोबारियों के लिए आसानी होने की बात की जा रही है, वहीं जॉब मार्कीट में भी इसे लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। एक्सपटर्स का कहना है कि जी.एस.टी. लागू होने से हाल ही के दिनों में 1 लाख से ज्यादा नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे। ये नौकरियां स्पैशलाइज्ड प्रोफैशन्स में खासतौर पर टैक्सेशन, अकाऊंटिंग और डाटा एनालिसिस में पैदा होंगी। ऐतिहासिक कर व्यवस्था को पूरे देश में 1 जुलाई से लागू किया जाएगा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जी.एस.टी. लागू होने के बाद संगठित क्षेत्र के जॉब मार्कीट में 10 से 13 प्रतिशत तक की सालाना ग्रोथ देखने को मिलेगी और इकॉनोमी के कई सैगमैंट्स में प्रोफैशनल्स की मांग बढ़ेगी।
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कैश फ्लो का लगेगा अनुमान 
इंडियन स्टाफिग फैडरेशन की प्रैजीडैंट रितुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा कि जी.एस.टी. से प्रोडक्ट्स की खरीद और उनका वितरण आसान हो जाएगा। इससे कैश फ्लो का अनुमान लग सकेगा और कारोबारियों तथा ग्राहकों को भी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से पारदर्शिता में इजाफा होगा। हम उम्मीद करते हैं कि जी.एस.टी. लागू होने के बाद संगठित क्षेत्र में नई नौकरियों के सृजन में 10 से 13 प्रतिशत तक का इजाफा होगा।
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छोटे व्यापारी होंगे प्रभावित: एस.जे.एम.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आर्थिक शाखा स्वदेशी जागरण मंच (एस.जे.एम.) ने नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के क्रियान्वयन से कुछ दिन पहले इस पर सवाल खड़ा किया है। मंच का कहना है कि जी.एस.टी. से छोटे कारोबारी बुरी तरह प्रभावित होंगे और इससे चीन से आयात बढ़ेगा। मंच के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि जी.एस.टी. का क्रियान्वयन नजदीक आ रहा है। इसके साथ ही छोटे उद्यमियों और व्यापारियों की धड़कन बढ़ रही है।
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GST की कर प्रणाली में आएगी तकनीकी समस्या: कैट
देश में 1 जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के लागू करने की तैयारियों के बीच खुदरा कारोबारियों के शीर्ष संगठन कन्फैडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि बड़ी संख्या में व्यापारियों को कर पालन करने में बड़ी चुनौती आएगी। उसने कहा कि जी.एस.टी. एक टैक्नोलॉजी आधारित कर प्रणाली है जिसका पालन केवल कम्प्यूटर तकनीक के माध्यम से ही हो पाएगा लेकिन यह भी सत्य है कि देश में लगभग 60 प्रतिशत व्यापारियों के पास कम्प्यूटर नहीं है और ऐसे व्यापारी जी.एस.टी. का पालन चाह कर भी नहीं कर सकेंगे। अब जबकि जी.एस.टी. लागू होने में केवल 5 दिन ही रह गए हैं, ऐसे में यह निश्चित रूप से एक बड़ा और गम्भीर सवाल है। कैट ने इस मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा है कि जब तक व्यापारी तकनीक को पूर्ण रूप से अपनाएंगे तब तक जी.एस.टी. के पालन हेतु समानांतर डिजीटल टैक्नोलॉजी की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे व्यापारी कर पालन सुविधापूर्वक कर सकें। 
 

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