Edited By Supreet Kaur,Updated: 15 May, 2018 01:32 PM
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार देश के नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सौर व पवन ऊर्जा क्षेत्रों में तीन लाख से अधिक श्रमिकों की जरूरत होगी। भारत ने 2022 तक नवीकरणीय स्रोतों से 175 गीगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा...
संयुक्तराष्ट्रः अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार देश के नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सौर व पवन ऊर्जा क्षेत्रों में तीन लाख से अधिक श्रमिकों की जरूरत होगी। भारत ने 2022 तक नवीकरणीय स्रोतों से 175 गीगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने वैश्विक रोजगार बाजार की स्थिति पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में कदम बढ़ाने से लाखों नई नौकरियां पैदा होंगी। संयुक्तराष्ट्र की श्रम एजेंसी ने कहा कि 2030 तक दुनिया भर में 2.4 करोड़ नए पद सृजित होंगे लेकिन पर्यावरण अनुकूल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सही नीतियों के साथ-साथ श्रमिकों के लिए बेहतर सामाजिक सुरक्षा की जरुरत होगी। एजेंसी ने वैश्विक रोजगार व सामाजिक परिदृश्य 2018 रिपोर्ट में कहा कि भारत ने 2022 तक 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है जो कि उसके कुल उत्पादन का करीब आधा है।
रिपोर्ट में ऊर्जा, पर्यावरण एवं जल परिषद (सीईईडब्ल्यू) और नेशनल रिसोर्सज डिफेंस काउंसिल (एनआरडीसी) के अनुमानों का हवाला देते हुए कहा गया है कि सौर व पवन ऊर्जा कंपनियों, डेवलपरों और विनिर्माताओं के सर्वेक्षण के आधार पर भारत में सौर एवं पवन ऊर्जा क्षेत्र में तीन लाख से अधिक श्रमिकों की नियुक्ति होगी।