Edited By Seema Sharma,Updated: 04 Mar, 2021 04:34 PM
केंद्र सरकार ने सेवानिवृत्ति कोष निकाय ईपीएफओ (Retirement fund body EPFO) ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) जमा पर 8.5 प्रतिशत की दर से ब्याज देने का फैसला किया है। EPFO के साथ पांच करोड़ से अधिक सक्रिय अंशधारक जुड़े...
बिजनेस डेस्क: केंद्र सरकार ने सेवानिवृत्ति कोष निकाय ईपीएफओ (Retirement fund body EPFO) ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) जमा पर 8.5 प्रतिशत की दर से ब्याज देने का फैसला किया है। EPFO के साथ पांच करोड़ से अधिक सक्रिय अंशधारक जुड़े हैं। सूत्रों ने बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था केन्द्रीय न्यासी बोर्ड ने श्रीनगर में हुई बैठक में वर्ष 2020-21 के लिए ब्याज दर को 8.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का फैसला किया है। इस तरह की अटकलें थीं कि EPFO इस वित्तवर्ष (2020-21) के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को वर्ष 2019-20 की 8.5 प्रतिशत दर से भी कम कर सकता है।
ब्याज दर में कमी का अनुमान, कोरोनो वायरस महामारी के मद्देनजर भविष्य निधि कोष से अधिक मात्रा में धन निकासी किए जाने और सदस्यों द्वारा कम योगदान दिए जाने की वजह से लगाया जा रहा था। पिछले साल मार्च में, EPFO ने वर्ष 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमाओं पर ब्याज दर को घटाकर सात वर्ष के निचले स्तर यानी 8.5 प्रतिशत कर दिया था जबकि इससे पिछले साल 2018-19 में यह 8.65 प्रतिशत थी।
EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) द्वारा 2019-20 के लिए दी गई 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर 2012-13 के बाद से सबसे कम थी। EPFO ने वर्ष 2016-17 में अपने ग्राहकों को 8.65 प्रतिशत ब्याज दिया था जबकि 2017-18 में 8.55 प्रतिशत ब्याज दिया था। इससे पहले 2015-16 में ब्याज दर 8.8 प्रतिशत से थोड़ी अधिक थी। इसने 2013-14 के साथ-साथ 2014-15 में 8.75 प्रतिशत ब्याज दिया था, जो 2012-13 के 8.5 प्रतिशत से अधिक था। इससे पहले EPFO ने 2011-12 में भविष्य निधि पर 8.25 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया था।