'विकासशील देशों में 70 करोड़ से अधिक कामगार गरीबी में जी रहे हैं'

Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Apr, 2018 04:00 PM

more than 700 million workers living in poverty in developing countries

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने कहा है कि उभरते हुए और विकासशील देशों में 70 करोड़ से अधिक श्रमिक गरीबी में जीवन बसर कर रहे हैं और वर्ष 2017 में प्रतिदिन 3.10 डॉलर प्रति व्यक्ति की आय से खुद को ऊपर नहीं उठा सके।

वाशिंगटनः अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने कहा है कि उभरते हुए और विकासशील देशों में 70 करोड़ से अधिक श्रमिक गरीबी में जीवन बसर कर रहे हैं और वर्ष 2017 में प्रतिदिन 3.10 डॉलर प्रति व्यक्ति की आय से खुद को ऊपर नहीं उठा सके। आईएलओ के महानिदेशक गाय राइडर ने कहा कि प्रगति की दर धीमी हो गई है और कई विकासशील देश बढ़ते श्रम बल के साथ इस गति को बनाए रखने में नाकाम रहे हैं।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई.एम.एफ.) की सालाना बैठक के दौरान राइडर ने बताया, ‘‘वर्ष 2017 में उल्लेखनीय प्रगति के बावजूद अब भी उभरते हुए और विकासशील देशों में 70 करोड़ से अधिक कामगार गरीबी में जी रहे हैं और प्रतिदिन 3.10 डॉलर प्रति व्यक्ति की आय से खुद को ऊपर नहीं उठा रहे हैं।" उन्होंने उल्लेख किया कि आर्थिक वृद्धि की रफ्तार में फिर से तेजी आने से रोजगार पैदा होने में मजबूती आई है और वर्ष 2017-19 (3 साल की बढ़ोतरी के बाद) के दौरान वैश्विक बेरोजगारी दर में हल्की गिरावट आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि हालांकि विकासशील एवं उभरती हुई अर्थव्यवस्था वाले देशों में बेरोजगारों की लगातार बढ़ती संख्या से इन देशों में रोजगार बाजार की हालात में सुधार अस्थिर रहा है। 

राइडर ने आई.एम.एफ. को बताया कि तेजी से बदलते तकनीकी युग में युवाओं के लिए बेहतर रोजगार बढ़़ाने के मकसद से नई नीतियों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आई.एल.ओ. का आकलन है कि वैश्विक रूप से 6.7 करोड़ युवक एवं युवतियां बेरोजगार हैं और करीब उभरते हुए एवं विकासशील देशों में 14.5 करोड़ युवा श्रमिक अत्यधिक या अधिक गरीबी में जी रहे हैं। 
 

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