Edited By Supreet Kaur,Updated: 18 Aug, 2018 11:13 AM
कुछ कंपनियां को छोड़कर, ज्यादातर कंपनियां रुपए में जारी मौजूदा गिरावट का सामना करने में सक्षम हैं। इन कंपनियों की डॉलर से जुड़ी कमाई उनके डॉलर में लिए गए कर्ज के साथ संतुलन बिठाती हैं। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
नई दिल्लीः कुछ कंपनियां को छोड़कर, ज्यादातर कंपनियां रुपए में जारी मौजूदा गिरावट का सामना करने में सक्षम हैं। इन कंपनियों की डॉलर से जुड़ी कमाई उनके डॉलर में लिए गए कर्ज के साथ संतुलन बिठाती हैं। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
गुरुवार को रुपया 70 रुपए से नीचे गिरकर डॉलर के मुकाबले 70.15 पर बंद हुआ, जबकि कल बाजार बंद रहा। अब तक रुपए में 9 फीसदी की गिरावट आई है। इसके साथ ही यह बड़ी मुद्राओं में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बन गई है। एसएंडपी की एक रिपोर्ट में कहा गया है, एक कमजोर और अस्थिर रुपए से कंपनियों के लिए जोखिम से बचने की लागत में वृद्धि होगी, जबकि दूसरी तरफ निर्यातकों को इसका फायदा हो सकता है।
एसएंडपी ने कहा, ज्यादातर निगमित कंपनियां रुपए की गिरावट का सामना कर सकती हैं क्योंकि उनकी डॉलर से जुड़ी आय का हिस्सा काफी हद तक उनके डॉलर-नामित ऋण को संतुलित करता है। उनमें से कुछ नकारात्मक रूप से प्रभावित होंगी, लेकिन यह उनकी क्रेडिट रेटिंग को ज्यादा प्रभावित करने के लिए काफी नहीं होगा।’’ एजेंसी ने कहा कि हमारा विश्वास है कि आधारभूत संरचना क्षेत्र पर असर सीमित होगा। ओएनजीसी, ऑयल इंडिया, सहित अन्य तेल कंपनियों के मुनाफे में इससे भारी वृद्धि होगी क्योंकि वे डॉलर बेंचमार्क से जुड़ी कीमतों पर कच्चा तेल बेचने में सक्षम होंगे। इसी तरह टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो जैसी सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनियों को भी फायदा होगा।