बैंक धोखाधड़ी से बचना है तो वीकेंड पर हो जाएं सावधान

Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Sep, 2019 05:31 PM

most incidents of bank fraud occur on weekends

देश में इंटरनेट तक लोगों की पहुंच और डिजिटल बैंकिंग का इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। खास बात यह है कि साइबर अपराधी अपने मंसूबों को वीकेंड पर अंजाम देना ज्यादा पसंद करते हैं। ‘साइबर अपराध की जांच एवं

नई दिल्लीः देश में इंटरनेट तक लोगों की पहुंच और डिजिटल बैंकिंग का इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। खास बात यह है कि साइबर अपराधी अपने मंसूबों को वीकेंड पर अंजाम देना ज्यादा पसंद करते हैं। ‘साइबर अपराध की जांच एवं साइबर फॉरेंसिक्स' विषय पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 04 और 05 सितंबर को आयोजित पहले राष्ट्रीय सम्मेलन में चर्चा के दौरान यह बात सामने आई। 

PunjabKesari

बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले सबसे ज्यादा  
सूत्रों ने बताया कि सम्मेलन में जो आंकड़े साझा किए गए उसके अनुसार, सीबीआई के पास साइबर अपराध के जितने मामले दर्ज किए जाते हैं उनके आधे बैंकिंग धोखाधड़ी के होते हैं। इनमें इंटरनेट बैंकिंग के पासवर्ड हैकर या क्रेडिट कार्ड की जानकारियां चुराकर पैसे निकालने के मामले काफी बड़ी संख्या में दर्ज किए जाते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अपराधी वीकेंड का समय इसलिए चुनते हैं कि बैंक बंद होने के कारण उनके कारनामे के बारे में बैंक या ग्राहक सोमवार सुबह जब तक सक्रिय होते हैं तब तक अपराधियों को काफी समय मिल जाता है।

PunjabKesari

मोबाइल इंटरनेट के जरिए आसानी से चुराया जाता डाटा 
आंकड़ों के अनुसार, देश में प्रति दिन औसतन 72 वेबसाइट या वेबपोटर्ल हैक किए जाते हैं। अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 तक 22 हजार वेबसाइटें या वेबपोटर्ल हैक किए गए। सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए विभिन्न राज्यों की पुलिस तथा अन्य जांच एजेंसियों के 50 से ज्यादा अधिकारियों को बताया गया कि दिसंबर 2018 तक देश में 56.6 करोड़ लोगों के पास इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध थी और इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या 44 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ रही है। इनमें 97 प्रतिशत लोग कभी न कभी मोबाइल पर इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं जिससे डाटा चुराना आसान होता है। 

PunjabKesari

2016 में सामने आया हैकिंग का सबसे बड़ा मामला 
ऐसे मामलों की जांच करने में केंद्रीय एजेंसी को दिक्कत इसलिए आती है क्योंकि अपराध किसी और देश में होता है, अपराधी किसी और देश में तथा डाटा सर्वर किसी तीसरे देश में। इससे अपराधी को पकड़ने या जांच करने में दिक्कत आती है और समय ज्यादा लगता है। एक अधिकारी ने बताया कि स्विफ्ट (सोसाइटी फॉर वल्डर्वाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशंस) प्रणाली के जरिए बैंकिंग फ्रॉड का दुनिया का सबसे बड़ा मामला जुलाई 2016 में सामने आया था। इसमें यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 17.1 करोड़ डॉलर निकाले गए थे। सितंबर 2018 में उसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई थी जो एक साल बाद भी पूरी नहीं हो पाई है।

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!