Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Sep, 2019 06:22 PM
प्लास्टिक के उपयोग पर अंकुश लगाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद देश की प्रमुख डेयरी कंपनी मदर डेयरी ने प्लास्टिक की थैली वाले दूध के बजाय टोकन मशीन से दूध बिक्री पर ‘बड़ी छूट'' देकर इसको प्रोत्साहित करने और होम डिलिवरी जैसी पहल शुरू...
नई दिल्लीः प्लास्टिक के उपयोग पर अंकुश लगाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद देश की प्रमुख डेयरी कंपनी मदर डेयरी ने प्लास्टिक की थैली वाले दूध के बजाय टोकन मशीन से दूध बिक्री पर ‘बड़ी छूट' देकर इसको प्रोत्साहित करने और होम डिलिवरी जैसी पहल शुरू की है। मदर डेयरी ने वर्ष 2020 तक 25 राज्यों से 830 टन प्लास्टिक संग्रहण करने और उसका पुनर्चक्रीकरण (रि-साइकिल) करने का संकल्प किया है।
कंपनी इस कार्य को केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा प्रमाणित ‘उत्पादक उत्तरदायित्व संगठन' की मदद से करेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने आगामी दो अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से देश में एक बार इस्तेमाल कर फेंक दिए जाने प्लास्टिक के सामानों को छोड़ने की अपील की है। प्लास्टिक के बढ़ते कचरे से पर्यावरण, मानव एवं दुधारू पशुओं के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव को रोकने के लिए यह आह्वान किया गया है।
मदर डेयरी के प्रबंध निदेशक संग्राम चौधरी ने कहा, ‘‘हम टोकन से होने वाली दूध की बिक्री को बहुत प्रोत्साहित कर रहे हैं और इसके लिए प्रति लीटर चार रुपए की छूट भी दे रहे हैं ताकि उपभोक्ताओं में टोकन के माध्यम से दूध खरीदने का प्रचलन बढ़े।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ‘होम डिलिवरी' मॉडल पर काम शुरू कर रहे हैं। मोबाइल डिलिवरी वैन बढ़ाई जायेंगी। पोषण की समस्या को ध्यान में रखकर, मदर डेयरी पहले से ही टोकन से बेचे जाने वाले दूध में विटामिन ए और डी का सम्मिश्रण सुलभ करा रही है। विटामिन ए सम्मिश्रण का काम वर्ष 1986 में शुरू किया गया था जबकि विटामिन डी सम्मिश्रण का काम वर्ष 2016 में शुरू किया गया है।''
टोकन से दूध खरीद के प्रचलन को बढ़ाने के लिए व्यापक प्रचार अभियान चलाने के अलावा मदर डेयरी टोकन दूध बिक्री केन्द्रों का जीर्णोद्धार करेगी। चौधरी ने कहा, ‘‘मदर डेयरी किसानों से 44-45 रुपए लीटर के भाव से दूध खरीदती है और प्लास्टिक उपयोग को हतोत्साहित करने के मकसद से टोकन के जरिए दूध की बिक्री 40 रुपए लीटर के भाव करती है। मदर डेयरी की सालाना दूध उत्पादन क्षमता 10 लाख टन होने के कारण ग्राहकों को दी जाने वाली इस छूट से कंपनी पर सालाना 140 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।