फियो ने कहा, MSME निर्यातकों के पास ​​​​​​​कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए पैसे नहीं

Edited By rajesh kumar,Updated: 14 Apr, 2020 05:50 PM

msme exporters have no money to pay salaries to employees

निर्यातकों का शीर्ष संगठन फियो ने मंगलवार को कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मझोले (एमएसएमई) उद्यमों के पास अप्रैल महीने के लिये अपने कर्मचारियों को वेतन देने को लेकर पर्याप्त नकदी नहीं है। ये इकाइयां ‘लॉकडाउन’ के कारण कोई भी कारोबारी गतिविधियां कर पाने में...

नयी दिल्ली: निर्यातकों का शीर्ष संगठन फियो ने मंगलवार को कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मझोले (एमएसएमई) उद्यमों के पास अप्रैल महीने के लिये अपने कर्मचारियों को वेतन देने को लेकर पर्याप्त नकदी नहीं है। ये इकाइयां ‘लॉकडाउन’ के कारण कोई भी कारोबारी गतिविधियां कर पाने में असमर्थ रही हैं। भारतीय निर्यातक संगठनों के महासंघ (फियो) ने यह बात दोहरायी है कि सरकार को तत्काल प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करनी चाहिए और विनिर्माण इकाइयों में आंशिक रूप से कामकाज शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

फियो के अध्यक्ष शरद कुमार सर्राफ ने एक बयान में कहा, ‘निर्यातकों खासकर एमएसएमई निर्यातकों के पास कर्मचारियों को अप्रैल महीने का वेतन देने के लिये नकदी नहीं है क्योंकि वे देशव्यापी बंद के दौरान कारोबार से जुड़ा कोई भी काम नहीं कर पा रहे हैं।’ उन्होंने विनिर्माण क्षेत्र के चुनिंदा खासकर निर्यात इकाइयों को कामकाज की अनुमति देने के फैसले को टाले जाने को लेकर निराशा जतायी। सर्राफ ने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री के मंगलवार को सुबह राष्ट्र के नाम संबोधन में इस संदर्भ में कुछ घोषणा की उम्मीद कर रहे थे। अगर निर्यातक माल डिलिवरी के लिये निर्धारित समयसीमा का पालन नहीं करेंगे, तो उनके निर्यात आर्डर रद्द होंगे। इतना ही नहीं जुर्माना लगेगा और बाजार भी गंवाना पड़ेगा।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को घोषणा की कि लॉकडाउन 3 मई तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना वायरस महामारी रोकने के लिये यह जरूरी है। सर्राफ ने कहा कि चुनिंदा विनिर्माण इकाइयों को कामकाज शुरू करने में भी कई कठिनाइयों का सामाना करना पड़ेगा। इसका कारण श्रमिकों का उपलब्ध नहीं होना, कच्चा माल, परिवहन की समस्या है। स्पेन कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित देशों में एक है, लेकिन उसने भी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये उसे धीरे-धीरे खोलना शुरू कर दिया है। फियो के अध्यक्ष ने मांग की है कि अर्थव्यवस्था की मदद के लिये व्यापक आर्थिक पैकेज की घोषणा की जा सकती है। इसमें छह महीने के वेतन के बराबर ब्याज मुक्त कर्ज, किराया तथा किस्तों के भुगतान पर छह महीने की रोक शामिल हैं। उन्होंने कहा इस प्रकार के समर्थन के बिना सरकार को यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि उद्योग ‘लॉकडाउन’ के दौरान कर्मचारियों को वेतन देगा। इसे लागू करने के लिये किसी भी प्रकार से दंडात्मक आदेश का कोई फायदा नहीं होगा।
 

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