महाराष्ट्र सरकार का बड़ा ऐलान, प्याज किसानों को 150 करोड़ की राहत

Edited By Isha,Updated: 21 Dec, 2018 02:59 PM

mstc will make auction of onions for the help of nasik farmers

महाराष्ट्र सरकार ने प्याज पर गरम होती सियासत को शांत करने के लिए प्याज किसानों को मुआवजा देने का ऐलान किया है। सरकार किसानों को 200 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से 200 क्विंटल तक का मुआवजा देगी। इसके लिए राज्य सरकार ने 150 करोड़ रुपए का कोष तय किया...

कोलकाताः महाराष्ट्र सरकार ने प्याज पर गरम होती सियासत को शांत करने के लिए प्याज किसानों को मुआवजा देने का ऐलान किया है। सरकार किसानों को 200 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से 200 क्विंटल तक का मुआवजा देगी। इसके लिए राज्य सरकार ने 150 करोड़ रुपए का कोष तय किया है। इस फैसले से प्रदेश के करीब तीन लाख किसानों को फायदा होगा। सरकार ने किसानों से वादा किया है कि वह दूसरे विकल्प पर भी गौर कर रही है जिससे किसानों को फायदा हो सके।  मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में आज हुई महाराष्ट्र मंत्रिमंडल की बैठक में किसानों को अनुदान देने का फैसला लिया गया। 

बैठक में हुए निर्णय के बारे में जानकारी देते हुए परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने कहा कि प्याज किसानों की समस्या तथा प्याज के दाम पर विस्तार से चर्चा हुई। इसके बाद किसानों को प्रति क्विंटल 200 रुपए का मुआवजा 200 क्विंटल तक दिए जाने की निर्णय लिया गया। रावते ने कहा कि सरकार किसानों के साथ है और हर संभव मदद करेगी। निर्णय के अनुसार प्याज किसानों को 200 क्विंटल तक 200 रुपए के हिसाब से अधिकतम 40,000 रुपए का अनुदान दिया जाएगा। 

महाराष्ट्र के प्रधान सचिव (कृषि विपणन) अनूप कुमार ने बताया कि सरकार ने 150 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की है। उन्होंने कहा कि किसानों ने 1 नवंबर से 15 दिसंबर तक करीब 75 लाख टन प्याज बेचे हैं। इसमें से 41.23 लाख टन नवंबर में तथा 33.75 लाख टन दिसंबर बेचे गए हैं। किसानों द्वारा कम कीमत में बेचे गए करीब 75 लाख टन प्याज का सरकार मुआवजा देगी। इससे राज्य के ढाई से तीन लाख किसानों को फायदा होगा। 

गौरतलब है कि नाशिक के एक किसान ने कम कीमत मिलने से दुखी होकर अपनी फसल की रकम का प्रधानमंत्री कार्यालय को मनीऑर्डर किया था। इसके बाद राज्य में प्याज की राजनीति गरमा गई। प्याज उत्पादक किसानों का आरोप है कि उन्हें एक से दो रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से प्याज बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। नाशिक इलाके के प्याज उत्पादक किसान विरोध दर्ज कराने के लिए सड़कों पर प्याज फेंक रहे हैं। वहीं विपक्षी दल भी सरकार पर हमला कर रहे हैं। प्याज पर गरमाती सियासत के बीच महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने किसानों से कहा कि किसानों की मांगों को पूरा नहीं करने वाले मंत्रियों पर प्याज फेंका जाना चाहिए। प्याज राजनेताओं को कई बार रुला चुका है। वर्ष 1980 के दशक से प्याज चुनाव परिणामों को तय करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्याज संकट के कारण सरकारें भी गिरी हैं इसलिए भाजपा सरकार इस मामले पर हर संभव कोशिश करने में जुट गई है।

प्याज किसानों की मदद के लिए उद्योग जगत की तरफ से भी हाथ बढ़ाने की बात कही जा रही है। एमएसटीसी ने हर दिन 20 टन प्याज खरीदने की योजना तैयार की है। एमएसटीसी के मुताबिक मदर डेयरी के माध्यम से हर दिन 20 टन प्याज खरीदकर नाशिक के किसानों की मदद करने का फैसला किया गया है। मदर डेयरी 4 से 5 दिनों में प्याज की रिवर्स ई-नीलामी शुरू करेगी जिसका आधार मूल्य न्यूनतम 6 से 8 रुपये प्रति किलोग्राम होगा।  मदर डेयरी दिल्ली-एनसीआर में अपनी 150 खुदरा दुकानों के माध्यम से इस प्याज को बेचेगी। इसके साथ ही एमएसटीसी नाशिक में उगने वाले प्याज की खरीदारी के लिए रिलायंस फ्रेश व दूसरे संगठित खुदरा विक्रेताओं से भी बात कर रही है जिससे किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके।

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