Edited By Pardeep,Updated: 01 Jan, 2019 05:50 AM
दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी ने देश में लोगों को एक-दूसरे से जोडऩे और हर घर में अपनी पैठ जमाने के लिए दूरसंचार पर 36 अरब डॉलर (करीब 24 खरब रुपए) खर्च किए। अपनी टैलीकॉम कम्पनी रिलायंस जियो का बेहद कम दर पर 4जी इंटरनैट डाटा और कई एप सर्विसेज बिल्कुल...
नई दिल्ली: दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी ने देश में लोगों को एक-दूसरे से जोडऩे और हर घर में अपनी पैठ जमाने के लिए दूरसंचार पर 36 अरब डॉलर (करीब 24 खरब रुपए) खर्च किए। अपनी टैलीकॉम कम्पनी रिलायंस जियो का बेहद कम दर पर 4जी इंटरनैट डाटा और कई एप सर्विसेज बिल्कुल मुफ्त में दे रहे हैं ताकि ग्राहकों की संख्या बढ़ती रहे लेकिन नए साल में वह विभिन्न माध्यमों से कमाई का जुगाड़ करने जा रहे हैं। इसके लिए उनका 4सी प्लान तैयार है। रणनीति के 4 हथियारों में कनैक्टीविटी, कैरेज, कंटैंट और कॉमर्स शामिल हैं।
कनैक्टिविटी मुकेश अंबानी की अनोखी रणनीति का पहला हथियार है लेकिन साल 2019 के लिए मुकेश अंबानी का रिटेल प्लान (ऑनलाइन एंड ऑफलाइन) अगले साल भारतीय उद्योग जगत की रणनीति को परिभाषित करेगा। ई-कॉमर्स के लिए फरवरी 2019 से एफ.डी.आई. के नए नियमों में सख्ती से उनकी रणनीति को और धार मिलेगी।
कुल मिलाकर ये चारों हथियार मुकेश अंबानी के करियर के सबसे महत्वाकांक्षी कारोबारी दाव की नींव है। वह जियो गीगाफाइबर का नैटवर्क पूरा करने और डाटा खपत में हिस्सेदारी 80 प्रतिशत करने का लक्ष्य हासिल करने के लिए अपने टैलीकॉम आर्कीटैक्चर को घर-घर तक पहुंचाने जा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने 2 सबसे बड़ी कम्पनियों हैथवे और डेन नैटवक्र्स का अधिग्रहण भी किया है लेकिन नैटवर्क को घर-घर पहुंचाने के साथ-साथ भारी मात्रा में कंटैंट की भी जरूरत है। इसके लिए जियो ने शॉपिंग, मीडिया कम्पनियों को बढ़ावा देना, स्पोर्ट फ्रैंचाइजी, ऑनलाइन म्यूजिक और वीडियो स्टीमिंग सेवा स्टार्टअप की शुरूआत की है।
इसके बाद रिटेल और फाइनैंशियल सॢवसेज का नंबर आता है। अब जब जियो ने लोगों को अपने नैटवर्क से जोड़ लिया है तब मुकेश अंबानी पैसे बनाने के लिए अपने प्लेटफॉर्म पर कॉमर्स की शुरूआत करेंगे। इसमें अथाह निवेश किया जाएगा और यह देश का सबसे बड़ा कॉमर्स होगा जिस पर फैशन, फूड, इलैक्ट्रॉनिक्स और वित्तीय सेवाओं के साथ-साथ एडवर्टाइजिंग सॢवस उपलब्ध होगी। एक बार जब मुफ्त देने की रणनीति खत्म होगी तो हाई-एंड ब्रॉडबैंड कनैक्शन के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।