Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Jun, 2021 05:23 PM
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश में जमकर कहर बरपाया। हालांकि अब इस लहर का असर कम हो रहा है लेकिन इसकी मार हर क्षेत्र पर पड़ी। कोरोना संकट की दूसरी लहर हॉस्पिटैलिटी एवं टूरिज्म सेक्टर पर कहर बनकर टूटी है। कई राज्यों में इसका
बिजनेस डेस्कः कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश में जमकर कहर बरपाया। हालांकि अब इस लहर का असर कम हो रहा है लेकिन इसकी मार हर क्षेत्र पर पड़ी। कोरोना संकट की दूसरी लहर हॉस्पिटैलिटी एवं टूरिज्म सेक्टर पर कहर बनकर टूटी है। कई राज्यों में इसका असर देखने को मिला है। वहीं देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के बड़े होटल पर भी कोरोना का साइड इफेक्ट देखने को मिला है।
ये है होटल का बयान
मुंबई के हयात रिजेंसी (Hyatt Regency) होटल के पास अपने कर्मचारियों की सैलरी देने के पैसे नहीं हैं और उसने अपना कामकाज अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। होटल ने एक बयान में कहा कि फंड की बहुत तंगी है, इसलिए अगले आदेश तक होटल बंद रहेगा। होटल का संचालन करने वाली कंपनी एशियन होटल्स (West) के पास से कोई फंड नहीं आ रहा, इसलिए कामकाज बंद करना पड़ा है।
हयात रिजेंसी ने एक बयान में कहा, 'होटल के सभी ऑन-रोल स्टाफ को सूचित करना चाहते हैं कि हयात रिजेंसी मुंबई के ओनर एशियन होटल्स वेस्ट लिमिटेड से कोई फंड नहीं आ रहा जिससे कि कर्मचारियों की सैलरी दी जा सके या होटल का कामकाज चलाया जा सके। इसलिए तत्काल प्रभाव से यह निर्णय लिया गया है कि सभी कामकाज अस्थायी रूप से बंद कर दिए जाएं।' होटल अब अगले आदेश तक बंद रहेगा।
हॉस्पिटैलिटी सेक्टर पर सबसे ज्यादा मार
गौरतलब है कि पिछले साल मार्च से ही कोराना की पहली लहर के बाद लॉकडाउन और अर्थव्यवस्था के ठप पड़ने से टूरिज्म एवं ट्रैवल से जुड़े हॉस्पिटैलिटी सेक्टर पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है। इस सेक्टर को सरकार से भी किसी भी तरह की खास राहत पैकेज भी नहीं मिल पाई है।
कोरोना संकट के बीच लोगों ने सिर्फ जरूरी यात्राएं की हैं और अभी रेस्टोरेंट आदि का कामकाज शुरू ही होता, तब तक दूसरी लहर आ गई। महीनों तक होटल एवं रेस्टोरेंट बंद रहे, किसी तरह के गेस्ट नहीं आ रहे। ऐसे में कंपनियों के सामने बहुत बड़ा संकट है कि इनके स्टॉफ को सैलरी कब तक देते रहें। यही नहीं बिना किसी गेस्ट के भी इन होटलों के संचालन का डेली का भारी-भरकम खर्च होता है।