Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Sep, 2020 05:09 PM
सरसों तेल को लेकर फूड रेग्युलेटर एफएसएसएआई यानी भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने नए नियम जारी किए हैं। FSSAI के नए आदेश के मुताबिक, अब सरसो के तेल में किसी दूसरे खाद्य तेलों की मिलावट करने पर एक अक्ट्रबर से पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
बिजनेस डेस्कः सरसों तेल को लेकर फूड रेग्युलेटर एफएसएसएआई यानी भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने नए नियम जारी किए हैं। FSSAI के नए आदेश के मुताबिक, अब सरसो के तेल में किसी दूसरे खाद्य तेलों की मिलावट करने पर एक अक्ट्रबर से पूरी तरह रोक लगा दी गई है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्त को लिखे एक पत्र में, एफएसएसएआई ने कहा है, भारत में किसी भी अन्य खाद्य तेल के साथ सरसों तेल के सम्मिश्रण पर 1 अक्टूबर, 2020 से पूरी तरह रोक होगी।
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एफएसएसएआई के नियमों के अनुसार, दो खाद्य तेलों को मिलाने की अनुमति है लेकिन इसमें उपयोग में लाए गए किसी भी खाद्य तेल का अनुपात वजन के लिहाज से 20 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए।
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अब भारत सरकार ने सोच विचार के बाद एफएसएसएआई को सरसों में कोई भी दूसरा तेल मिलाने पर रोक लगाने को कहा है। सरकार ने कहा है कि सार्वजनिक हित में घरेलू खपत के लिए शुद्ध सरसों तेल के उत्पादन और बिक्री को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। जिनके पास लाइसेंस है उनका क्या होगा? एफएसएसएआई की ओर से जारी लेटर में कहा गया है कि जिनके पास भी खाद्य तेल मैन्युफैक्चरिंग और प्रोसेसिंग लाइसेंस है। उन्हें निर्देश दिया जाता है कि वह अपना मौजूदा सरसों तेल, सरसों बीज अथवा किसी अन्य खाद्य तेल के स्टाक को बिना मिलवावट वाले खाद्य तेल के रूप में ही बेचें। ऐसे सभी लाइसेंसधारकों को उनके एफएसएसएआई लाइसेंसों में जरूरी सुधार करने को कहा गया है।
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एफएसएसएआई ने कहा कि इस संबंध में एक मसौदा नियमन पर काम चल रहा है और अंशधारकों से प्रतिक्रिया लेने के बाद नियमों को अंतिम रूप देने में कुछ समय लगेगा। बहरहाल, तेल उद्योग के कारोबारियों ने सरकार के इस निर्णय को देश में तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिहाज से सही दिशा में उठाया गया कदम बताया है। उनका कहना है कि इससे सरसों उत्पादक किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिलने में मदद मिलेगी।