Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jan, 2018 02:14 PM
1 फरवरी को पेश होने वाला बजट म्युचुअल फंड इंडस्ट्री के लिए खुशखबरी ला सकता है। सूत्रों के मुताबिक बजट को तैयार करने के दौरान म्युचुअल फंड इंडस्ट्री को राहत देने के लिए अलग-अलग विकल्पों पर विचार किया गया है। जिनमें कैपिटल गेंस टैक्स में रियायत देना...
नई दिल्लीः 1 फरवरी को पेश होने वाला बजट म्युचुअल फंड इंडस्ट्री के लिए खुशखबरी ला सकता है। सूत्रों के मुताबिक बजट को तैयार करने के दौरान म्युचुअल फंड इंडस्ट्री को राहत देने के लिए अलग-अलग विकल्पों पर विचार किया गया है। जिनमें कैपिटल गेंस टैक्स में रियायत देना और होल्डिंग पीरियड को कम करना शामिल है।
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड ने स्कीम ट्रांसफर करने में कैपिटल गेंस से छूट की सिफारिश की है। अभी एक से दूसरी स्कीम में ट्रांसफर की खरीद-बिक्री पर टैक्स लगता है। सूत्रों के मुताबिक बजट में एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड की सिफारिश को मंजूर किया जा सकता है। साथ ही अभी इक्विटी वाले म्युचुअल फंड पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स नहीं लगता है। इसके अलावा इक्विटी वाले म्युचुअल फंड पर डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स भी नहीं लगता है। टैक्स छूट के लिए 65 फीसदी इक्विटी की हिस्सेदारी जरूरी है, लेकिन एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड ने इक्विटी की सीमा 65 फीसदी से घटाकर 50 फीसदी करने की मांग की है। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस की होल्डिंग पीरियड को भी घटाने की सिफारिश की है।