बाजार में तेजी के बावजूद 7 साल में पहली बार MF ने की शेयरों की शुद्ध बिकवाली

Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Mar, 2021 12:21 PM

mutual funds net sellers of indian equities first time in 7 years

सात साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब म्युचुअल फंडों ने घरेलू शेयर बाजार में शुद्ध बिकवाली की। वित्त वर्ष 2021 में म्युचुअल फंडों ने 1.27 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के शेयर बेचे हैं, जो रिकॉर्ड है। पिछले छह वित्त वर्षों में म्युचुअल फंड शुद्ध लिवाल थे

नई दिल्लीः सात साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब म्युचुअल फंडों ने घरेलू शेयर बाजार में शुद्ध बिकवाली की। वित्त वर्ष 2021 में म्युचुअल फंडों ने 1.27 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के शेयर बेचे हैं, जो रिकॉर्ड है। पिछले छह वित्त वर्षों में म्युचुअल फंड शुद्ध लिवाल थे और वित्त वर्ष 2018 में उन्होंने 1.41 लाख करोड़ रुपए, वित्त वर्ष 2019 में 88,152 करोड़ रुपए और वित्त वर्ष 2020 में 91,814 लाख करोड़ रुपए के शेयर खरीदे थे। इससे पहले वित्त वर्ष 2014 में म्युचुअल फंडों ने 21,159 करोड़ रुपए के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की थी।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने खरीदे 2.6 लाख करोड़ रुपए के शेयर
इसके उलट विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस वित्त वर्ष में अपना निवेश बढ़ाया है। विदेशी निवेशकों ने इस दौरान 2.6 लाख करोड़ रुपए मूल्य से ज्यादा के शेयर खरीदे हैं। पिछले छह वित्त वर्षों (2015-20) में म्युचुअल फंडों ने कुल 4.85 लाख करोड़ रुपए मूल्य के शेयर खरीदे थे, जो विदेशी पोर्टफोलिये निवेशकों की शुद्ध लिवाली से 2.6 गुना ज्यादा था।

आम तौर पर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के आकार और ट्रेडिंग प्रारूप को देखते हुए उन्हें बाजार में कीमत तय करने वाला माना जाता है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इस रुझान में बदलाव आया है और बाजार की चाल तय करने में घरेलू संस्थागत निवेशकों खास तौर पर म्युचुअल फंडों का प्रभाव बढ़ रहा है।

पिछले साल मई के बाद बाजार की अच्छी वापसी के बावजूद म्युचुअल फंडों ने शेयरों की बिकवाली की है। असल में म्युचुअल फंड के निवेशकों ने बाजार में तेजी के बीच मुनाफावसूली पसंद की और ज्यादा मूल्यांकन को देखते हुए अपने पोर्टफोलियो में संतुलन बनाने का काम किया है। सितंबर के बाद से बाजार के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने पर निवेशकों ने अपना निवेश निकालना शुरू किया, जिससे म्युचुअल फंडों को निवेश बेचना पड़ा।

इक्विटी योजनाओं से की मुनाफावसूली
इक्विटी आधारित योजनाओं से पिछले 8 महीने के दौरान 58,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की निकासी की गई है। सुंदरम म्युचुअल फंड के प्रबंध निदेशक सुनील सुब्रमण्यम ने कहा, 'ऊंचे मूल्यांकन के बीच अर्थव्यवस्था और बाजार के बीच तालमेल नहीं दिखने से निवेशकों ने पिछले कुछ महीनों में इक्विटी योजनाओं से मुनाफावसूली की है। बड़े शेयरों के ज्यादा मूल्यांकन को लेकर असहजता की वजह से निवेशकों ने यूनिट बेचने का दबाव बढ़ाया जिससे कोष प्रबंधकों को शेयरों की बिकवाली करनी पड़ी।

एमएससीआई इंडिया की बढ़त मूल्यांकन के लिहाज से एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट के मुकाबले 46 प्रतिशत पर है। ब्रोकरेज कंपनी बैंक ऑफ अमेरिका (बोफा) सिक्योरिटीज के अनुसार यह दीर्घ अवधि के औसत से 3 प्रतिशत अधिक है। निवेशकों द्वारा जारी मुनाफावसूली के बीच इक्विटी फंड से लगातार आठवें महीने फरवरी में भी निकासी हुई। म्युचुअल फंडों ने भारती एयरटेल, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी जैसे मूल्यवान शेयरों में निवेश निकालने शुरू कर दिए। पिछले आठ महीनों के दौरान शेयरों पर केंद्रित योजनाओं से 46,000 करोड़ रुपए निकासी हुई है। फंड उद्योग के लोगों का मानना है कि अगले कुछ महीनों के दौरान भी निकासी जारी रह सकती है।            

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!