Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Jan, 2021 04:34 PM
नाबार्ड का अनुमान है कि वर्ष 2021-22 के लिए ओडिशा की कुल ऋण आवश्यकता 1,10,735 करोड़ रुपए है और इस दौरान फसलों के विविधीकरण, पशु पालन और मछली क्षेत्र के अलावा स्व-सहायता समूहों को कर्ज देने पर खासतौर से ध्यान दिया जाएगा।
भुवनेश्वरः नाबार्ड का अनुमान है कि वर्ष 2021-22 के लिए ओडिशा की कुल ऋण आवश्यकता 1,10,735 करोड़ रुपए है और इस दौरान फसलों के विविधीकरण, पशु पालन और मछली क्षेत्र के अलावा स्व-सहायता समूहों को कर्ज देने पर खासतौर से ध्यान दिया जाएगा।
ओडिशा के वित्त मंत्री निरंजन पुजारी द्वारा सोमवार को 2021-22 के लिए राज्य ऋण गोष्ठी में जारी राज्य केंद्रित दस्तावेज में यह जानकारी दी गई। नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक सी उदयभास्कर ने कहा कि ओडिशा के लिए 2021-22 के दौरान कुल ऋण अनुमान 1,10,735 करोड़ रुपए है, जो राज्य के सभी कृषि-जलवायु क्षेत्रों के संभावित आकलन पर आधारित है। उन्होंने योजना के तहत ऋण वृद्धि के लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य सरकार, बैंकों और अन्य हितधारकों के सहयोग की अपील की।
उन्होंने राज्य में नाबार्ड की महत्वपूर्ण पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र में अनुमानित ऋण प्रवाह वर्ष 2020-21 के मुकाबले 22.5 प्रतिशत बढ़ाया गया है। कृषि क्षेत्र के लिए आनुमानित ऋण 46,460.40 करोड़ रुपए है, जो वर्ष 2020-21 के मुकाबले 7.34 प्रतिशत अधिक है।