नाफेड की कश्मीर में सीधे किसानों से सेब खरीद का काम पूरी तरह विफल रहा है: किसान संगठन

Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Nov, 2019 11:54 AM

nafed s purchase of apples directly from farmers in kashmir

सहकारी संस्था नाफेड के माध्यम से कश्मीर में सेब खरीदने की केंद्र की पहल बुरी तरह से विफल रही है क्योंकि उत्पादकों से सीधे तौर पर कुल 11 करोड़ सेब की पेटियों में से केवल 0.01 प्रतिशत (1.50 लाख बक्से) की खरीद ही की जा सकी है।

नई दिल्लीः सहकारी संस्था नाफेड के माध्यम से कश्मीर में सेब खरीदने की केंद्र की पहल बुरी तरह से विफल रही है क्योंकि उत्पादकों से सीधे तौर पर कुल 11 करोड़ सेब की पेटियों में से केवल 0.01 प्रतिशत (1.50 लाख बक्से) की खरीद ही की जा सकी है। एक किसान संगठन ने शनिवार को यह दावा किया है।

घाटी में क्षेत्र के दौरे से लौटने के बाद अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने मांग की कि केंद्र को कश्मीर में सेब और अन्य बागवानी फसलों के उत्पादकों को मुआवजा प्रदान करना चाहिए, जो बेमौसम भारी बर्फबारी के साथ-साथ नव निर्मित केन्द्र शासित प्रदेश में राजनीतिक उथल-पुथल के कारण परिवहन की कमी और शीत भंडारगृहों के अभाव से भारी घाटे का सामना कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत दिए गए विशेष दर्जे को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद आतंकवादियों ने सेब उत्पादकों को अपने उत्पाद बाजार में नहीं बेचने की धमकी दी थी। इस घटना के मद्देनजर केंद्र सरकार ने क्षेत्र से सेब खरीदने का फैसला किया था। 

एआईकेएससीसी ने एक बयान में कहा, ‘‘सरकार ने नाफेड को खरीद-फरोख्त के लिए अधिकृत किया लेकिन यह अभियान बुरी तरह विफल रहा। अनुभव और बुनियादी ढांचे की कमी की वजह से नाफेड ने अनुमानित उपज के महज 0.01 फीसदी (11 करोड़ से अधिक बॉक्सों में से 1.36 लाख बक्से) की खरीद की है।'' किसानों की शिकायत है कि नाफेड खरीद का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है क्योंकि उन्होंने कम दाम पर सेब की बिक्री बाजार में की जिसके कारण क्रय बाजार में थोक सेब की कीमतें कम हो गयीं। कश्मीर देश के कुल सेब उत्पादन के 75 प्रतिशत भाग का उत्पादन करता है और कश्मीर के बागवानी उद्योग का सालाना कारोबार 10,000 करोड़ रुपए का है। 

किसान संगठन ने कहा, ‘‘अगर 70 फीसदी नुकसान (जैसा कि वाणिज्य और उद्योग के उत्पादकों और प्रतिनिधियों द्वारा दावा किया जा रहा है) की बात सच है, तो यह आने वाले वर्षों में कश्मीर के लोगों की आजीविका को तबाह कर देगा।'' किसानों की दुर्दशा पर प्रकाश डालते हुए, एआईकेएससीसी ने कहा कि उनके प्रतिनिधिमंडल ने घाटी में जाकर, असमय और भारी बर्फबारी के कारण घाटी में सेब की फसल को हुए भारी नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि भारी बर्फबारी के कारण सेब उत्पादक किसानों को घर से बाहर निकलने और फसल की कटाई एवं भंडारण करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। केसर की फसल पर भी बुरा असर पड़ा है और इस साल पैदावार कम रहने की उम्मीद है। 

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