नारायण मूर्ति ने हमेशा वर्क फ्रॉम होम का किया विरोध, कहा- सबको मुफ्त में लगें कोरोना वायरस के टीके

Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Nov, 2020 02:50 PM

narayana murthy always opposed work from home

मौजूदा समय में कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर तमाम बातें हो रही हैं। मॉर्डना और फाइजर जैसी बड़ी फार्मास्युटिकल कंपनियों को उम्मीद है कि कोरोना वायरस की जिस वैक्सीन पर वह काम कर रहे हैं, उसके नतीजे अच्छे ही आने वाले हैं।

नई दिल्लीः मौजूदा समय में कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर तमाम बातें हो रही हैं। मॉर्डना और फाइजर जैसी बड़ी फार्मास्युटिकल कंपनियों को उम्मीद है कि कोरोना वायरस की जिस वैक्सीन पर वह काम कर रहे हैं, उसके नतीजे अच्छे ही आने वाले हैं। इसी बीच इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने कहा है कि एक बार जब कोरोना वैक्सीन बाजार में उपलब्ध होगी तो देश के हर किसी को वह वैक्सीन मुफ्त लगाई जानी चाहिए, किसी से भी उसके पैसे नहीं लिए जाने चाहिए।

हर किसी का मुफ्त में होना चाहिए टीकाकरण
मूर्ति बोले- मैं मानता हूं कि कोविड-19 वैक्सीन पब्लिक गुड होनी चाहिए और हर किसी का टीकाकरण मुफ्त में होना चाहिए। ये वैक्सीन धरती की पूरी आबादी के लिए मुफ्त होनी चाहिए। वैक्सीन बनाने वाली सभी कंपनियों को संयुक्त राष्ट्र या फिर हर देश की तरफ से मुआवजा दिया जाना चाहिए। ये मुआवजा भी दवा की लागत को लेकर होना चाहिए ना कि मुनाफा कमाने के हिसाब से।

भारत को चाहिए होगी 300 करोड़ डोज
पिछले ही महीने बिहार चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने अपना घोषणा पत्र जारी किया था, जिसके तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी को कोविड-19 की वैक्सीन मुफ्त में मुहैया कराने का वादा किया था। उन्होंने ये भी कहा कि जो कंपनियां दवा की लागत का खर्च उठा सकती हैं, उन्हें दवा मुफ्त में बनाकर लोगों को देनी चाहिए। नारायण मूर्ति का ये बयान उस समय आया है जब मॉडर्ना और फाइजर कंपनियां दो डोज वाली अपनी दवाएं लाने वाली हैं। देश की पूरी आबादी का टीकाकरण करने के लिए सरकार को करीब 3 अरब डोज की जरूरत होगी। बता दें कि मंगलवार को कोरोना के रोजाना के मामले 38000 से ऊपर चले गए जो एक दिन पहले 30 हजार से भी नीचे चले गए थे।

हमेशा वर्क फ्रॉम होम का समर्थन नहीं
74 साल के नारायण मूर्ति ने कहा कि वह इस बात का बिल्कुल समर्थन नहीं करते हैं कि हमेशा के लिए घर से ही काम किया जाए। उन्होंने कहा कि भारत में अधिकतर लोगों के घर छोटे हैं, जिनमें काम पर फोकस करने में दिक्कत होती है। उन्होंने छोटी-छोटी अवधि के लिए स्कूलों को खोलने के फैसले का भी समर्थन किया है लेकिन पीपीई किट, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और ग्लव्स समेत पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है।

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