अटल पेंशन को नहीं मिला भाव

Edited By ,Updated: 15 Dec, 2015 05:13 PM

narendra modi atal pension plan

इस साल की शुरूआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई अटल पेंशन योजना लोगों को आकर्षित करने में सफल नहीं हुई है।

नई दिल्लीः इस साल की शुरूआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई अटल पेंशन योजना लोगों को आकर्षित करने में सफल नहीं हुई है। बुजुर्गों की आय की सुरक्षा के लिए पेश इस योजना को असंगठित क्षेत्र के लिए तैयार किया गया था, जिसमें अब तक बमुश्किल 10 लाख उपभोक्ताओं ने दिलचस्पी दिखाई है। इस साल 31 दिसंबर तक  इस योजना में 2 करोड़ लोगों को शामिल किए जाने का लक्ष्य था,जिसे 5 प्रतिशत हासिल किया जा सका है। अब पेंशन फंड नियामक इस योजना में सुधार व इसके प्रचार प्रसार की योजना बना रहा है।

अटल पेंशन योजना के विपरीत प्रधानमंत्री द्वारा उस समय पेश की गई अन्य सुरक्षा योजनाओं जीवन बीमा और दुर्घटना बीमा को पर्याप्त प्रतिक्रिया मिली है। जन सुरक्षा योजना के तहत इस अवधि के दौरान 12 करोड़ से ज्यादा पॉलिसी बेची गई हैं। पीएफआरडीए के सदस्य आरवी शर्मा ने कहा, "इस समय 10 लाक से ज्यादा उपभोक्ता हैं। यह हमारे लक्ष्य से बहुत कम है, हालांकि यह योजना अब जोर पकड़ रही है। निजी क्षेत्र के बैंकों ने इसमें बहुत रुचि दिखाई है। लोगों को उनकी सेवानिवृत्ति के लिए निवेश हेतु आकर्षित करना बड़ी चुनौती है।" पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण पेंशन के लिए प्रमुख एजैंसी है। 

पेंशन योजना के तहत केंद्र सरकार को उपभोक्ता के हिस्से का 50 प्रतिशत या 1000 रुपए सालाना की हिस्सेदारी इस योजना के तहत 5 साल तक यात्री 2019-20 तक करनी है। यह लाभ ऐसे उपभोक्ताओं को मिलेगा,जिन्होंने 31 दिसंबर 2015 तक इसमें हिस्सेदारी ली है और वे आयकर का भुगतान नहीं करते। 

वर्मा ने कहा, "योजना अब गति पकड़ रही है, इसलिए हमने वित्त मंत्रालय से अनुरोध किया है कि वह प्रोत्साहन राशि की अपनी हिस्सेदारी को विस्तार दे।" सरकार एनपीएस और अटल पेंशन योजना को डाकघरों व बिजनेस करेस्पॉन्डेंट के माध्यम से बेचने की भी योजना बना रही है, जिससे उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ सके। 

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