Edited By ,Updated: 28 Feb, 2016 04:21 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि कल आम बजट के दिन उनकी परीक्षा है और सवा 100 करोड़ देशवासी उनकी परीक्षा लेने वाले हैंं।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि कल आम बजट के दिन उनकी परीक्षा है और सवा 100 करोड़ देशवासी उनकी परीक्षा लेने वाले हैंं। मोदी ने रेडियो पर अपने मासिक संबोधन ‘मन की बात’ में 01 मार्च से शुरू हो रही बोर्ड की परीक्षाओं पर चर्चा की। इस दौरान स्कूली बच्चों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा ‘‘दोस्तो, आपकी परीक्षा शुरू हो रही है। मुझे भी कल परीक्षा देनी है। सवा 100 करोड़ देशवासी मेरी परीक्षा लेने वाले हैं। पता है न/न, कल बजट है।’’
मोदी सरकार का यह दूसरा पूर्ण बजट है। इससे पहले पिछले साल जब वित्त वर्ष 2015-16 का आम बजट पेश किया गया था उस समय सरकार के सामने चुनौतियां इतनी ज्यादा नहीं थी। शेयर बाजार आसमान छू रहा था। बजट के कुछ दिन बाद ही 04 मार्च 2015 को सैंसेक्स पहली बार 30 हजार अंक का आंकड़ा छूने में सफल रहा।
विदेशी संस्थागत निवेशक जमकर पूंजी बाजार में पैसा लगा रहे थे। रुपया मजबूत बना हुआ था और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल की कीमतों में गिरावट के कारण चालू खाता घाटा, वित्तीय घाटा तथा खुदरा महंगाई सरकार के लक्ष्य के दायरे में बनी हुई थी लेकिन इस साल शेयर बाजार और रुपए के लुढ़कने तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार नहीं दिखने के कारण सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं।
सरकार के सामने चुनौती यह है कि ऐसे समय में जब कॅमोडिटी की कीमतें गिरने तथा कंपनियों के खराब परिणाम आने से निजी निवेश नहीं बढ़ पा रहा है उसे जरूरी निवेश भी बनाए रखना है और वित्तीय अनुशासन भी। यही इस बजट की सबसे बड़ी चुनौती होगी। यदि सरकार निवेश बढ़ाने के उपायों और वित्तीय अनुशासन में संतुलन बना पाती है तथा साथ ही आयकर छूट की सीमा बढ़ाने जैसी आम लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतर पाती है तो यह उसकी सफलता होगी।
संसद में शुक्रवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2015-16 में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में वित्तीय घाटा 3.9 प्रतिशत के दायरे में रखने का लक्ष्य हासिल करना तो संभव दिख रहा है लेकिन अगले वित्त वर्ष में इसे 3.5 प्रतिशत के भीतर रखना मुश्किल हो सकता है। इन चुनौतियों के बीच मोदी ने कहा कि वह पूरी तरह से आत्मविश्वास से भरे हुए हैं कि सोमवार को जनता उन्हें पास कर देगी। उन्होंने कहा, ‘‘आपने देखा होगा; मुझे सुनते ही लगा होगा, मैं कितना स्वस्थ हूं, कितना आत्मविश्वास से भरा हुआ हूं। बस, कल मेरी परीक्षा हो जाए। हम सब सफल हों, तो देश भी सफल होगा।’’