स्वर्ण मुद्रीकरण योजना की धीमी शुरूआत

Edited By ,Updated: 16 Nov, 2015 09:56 AM

narendra modi gold monetization plan

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5 नवंबर को घोषित स्वर्ण मुद्रीकरण योजना की शुरूआत धीमी रही है क्योंकि योजना के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा पूरी तरह तैयार नहीं हुआ है

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5 नवंबर को घोषित स्वर्ण मुद्रीकरण योजना की शुरूआत धीमी रही है क्योंकि योजना के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा पूरी तरह तैयार नहीं हुआ है और बैंक सरकार के स्पष्टीकरणों का इंतजार कर रहे हैं। इस योजना का मकसद परिवारों और मंदिरों के पास अनुपयोगी पड़े अनुमानित 22,000 टन सोने का मुद्रीकरण करना है। सोने के मालिक अपने सोने को पिघलवाने, इसकी शुद्धता की जांच कराने और प्रमाणपत्र लेने के लिए प्रमाणित हॉलमार्किंग केंद्रों पर जा सकते हैं, जिसके आधार पर बैंक स्वर्ण जमा खाता खोलेंगे।  

एक बैंक अधिकारी ने नाम न छापने का आग्रह करते हुए कहा, ''इंटरनल अकाऊंटिंग के लिए कई चीजें स्पष्ट की जानी जरूरी हैं। हमें उम्मीद है कि ये भारतीय रिजर्व बैंक के परिपत्र के रूप में आएंगी।'' उन्होंने कहा, ''ये जमाएं सरकार के पक्ष में होंगी, इसलिए इस बात को लेकर एक औपचारिक परिपत्र जारी किया जाना चाहिए कि बैंकों को परीक्षण एवं रिफाइनिंग का खर्च कैसे लौटाया जाएगा। इसके साथ ही हमें टीडीएस पर स्पष्टता का भी इंतजार है।'' 

अल्पावधि की जमाओं के लिए परीक्षण, पिघलाने और रिफाइनिंग की लागत बैंक वहन करेंगे, जबकि मध्यम और  लंबी अवधि की जमाओं का खर्च सरकार उठाएगी। एक बैंक अधिकारी ने कहा, ''कई मंदिरों के ट्रस्टों ने स्वर्ण जमाओं को लेकर हमसे पूछताछ की है लेकिन हमने जमा को लेकर अभी तक कोई भी फैसला नहीं लिया है।'' 

भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने स्वर्ण मुद्रीकरण योजना के तहत संग्रहण एवं शुद्धता परीक्षण केंद्रों के रूप में काम करने के लिए देशभर में 33 हॉलमार्किंग को प्रमाण-पत्र दिए हैं। 5 स्वर्ण रिफाइनरियों को भी प्रमाणपत्र दिया गया है। बैंक परीक्षण केंद्रों और रिफाइनरियों के साथ त्रिपक्षीय समझौते कर रहे हैं। हालांकि बैंक और रिफाइनरियां छोटे हॉलमार्किंग केंद्रों के साथ काम नहीं करना चाहती हैं। इस प्रक्रिया में समय इसलिए भी लग रहा है क्योंकि संग्रहण एवं शुद्धता परीक्षण केंद्रों को बैंक गारंटी देनी होगी। 

उद्योग के सूत्रों के मुताबिक कुछेक बैंकों ने त्रिपक्षीय समझौता किया है। गुजरात केंद्रित सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों ने राज्य में संग्रहण एवं शुद्धता परीक्षण केंद्रों और रिफाइनरी के साथ करार किए हैं। हर बैंक को देश के विभिन्न हिस्सों से जमाकर्ताओं को खींचने के लिए बहुत से संग्रहण एवं शुद्धता परीक्षण केंद्रों एवं रिफाइनरियों के साथ समझौते करने होंगे। 

बैंक अधिकारियों का मानना है कि मार्च तक स्वर्ण बॉन्डों की कम से कम चार खेप जारी की जाएंगी, जिससे निवेशकों के पास विकल्प बढ़ेंगे। सरकारी स्वर्ण बॉन्डों में शुरूआती निवेश पर 2.75 फीसदी सालाना ब्याज मिलेगा।

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