Edited By Supreet Kaur,Updated: 30 Aug, 2018 04:53 PM
विदेशी बाजार में तेजी के चलते सरकार देश में उत्पादित नैचुरल गैस के दाम अक्तूबर से 14 फीसदी से अधिक बढ़ा सकती है। इस कदम से जहां खुदरा सीएनजी महंगी हो सकती है वहीं बिजली और यूरिया उत्पादन की लागत भी बढ़ेगी।
नई दिल्लीः विदेशी बाजार में तेजी के चलते सरकार देश में उत्पादित नैचुरल गैस के दाम अक्तूबर से 14 फीसदी से अधिक बढ़ा सकती है। इस कदम से जहां खुदरा सीएनजी महंगी हो सकती है वहीं बिजली और यूरिया उत्पादन की लागत भी बढ़ेगी।
28 सितंबर को हो सकती है घोषणा
जानकार सूत्रों ने कहा कि नैचुरल गैस के ज्यादातर घरेलू उत्पादकों को अभी 3.06 डॉलर प्रति इकाई (एमएमबीटीयू) का मूल्य मिल रहा है। अक्तूबर में इसमें यह करीब 14 फीसदी बढ़ाकर 3.5 डॉलर प्रति इकाई किया जा सकता है। उत्पादकों को मिलने वाले नैचुरल गैस के भाव की छमाही समीक्षा की जाती है और नए भाव गैस अधिशेष वाले देशों अमेरिका, रूस और कनाडा के केंद्रों पर प्रचलित मूल्यों के औसत पर आधारित होते हैं। सूत्रों ने कहा कि संशोधित कीमतों की घोषणा 28 सितंबर को की जा सकती है।
इन कंपनियों की बढ़ेगी आमदनी
भारत अपनी खपत की 50 फीसदी गैस आयात करता है जो गैस घरेलू गैस के दो गुना दाम की पड़ती है। घरेलू गैस की नई दर अगामी पहली अक्तूबर से छह महीने के लिए होगी। यह अक्तूबर, 2015 से मार्च, 2016 की अवधि के भवों के बाद सबसे ऊंची दर होगी। उस दौरान भाव 3.82 डॉलर प्रति इकाई था। नैचुरल गैस के दाम बढ़ने से ऑयल एण्ड नैचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ओएनजीसी) और रिलायंस इंडस्ट्रीज की आमदनी बढ़ेगी। हालांकि इससे सीएनजी के दाम भी बढ़ जाएंगे। साथ ही इससे यूरिया और बिजली उत्पादन की लागत में भी इजाफा होगा।