NBCC ने तैयार किया आम्रपाली के फ्लैट देने का ऐक्शन प्लान, 3 कैटिगरी में बांटा प्रॉजेक्ट

Edited By Supreet Kaur,Updated: 29 Jul, 2019 11:26 AM

nbcc prepared amrapali flat plan action plan divided into 3 categories

सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिन पहले आम्रपाली ग्रुप के फ्लैट खरीदारों को बड़ी राहत देते हुए आदेश दिया कि आम्रपाली के लंबित प्रॉजेक्ट को एनबीसीसी पूरा करेगी। नैशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनबीसीसी) ने कोर्ट के आदेश के बाद आम्रपाली प्रॉजेक्ट...

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिन पहले आम्रपाली ग्रुप के फ्लैट खरीदारों को बड़ी राहत देते हुए आदेश दिया कि आम्रपाली के लंबित प्रॉजेक्ट को एनबीसीसी पूरा करेगी। नैशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनबीसीसी) ने कोर्ट के आदेश के बाद आम्रपाली प्रॉजेक्ट को 3 कैटिगरी में बांटा है। ए कैटिगरी की अधिकतर परियोजनाएं नोएडा की हैं। इनमें लिफ्ट, एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट), पुताई, लीकेज, फायर फाइटिंग सिस्टम आदि का काम ही बाकी है। बी कैटिगरी में 32,384 फ्लैट्स आएंगे। यहां काफी काम अधूरा है। यहां औपचारिकताएं पूरी करने में ही करीब 2 महीने लग जाएंगे। जानकारी के मुताबिक आम्रपाली के 11403 फ्लैट बायर्स को महज 6 महीने में फ्लैट मिल सकते हैं।

करोड़ों रुपए होंगे खर्च
सबसे खराब हालत सी कैटिगरी के प्रॉजेक्ट की है। ग्रेटर नोएडा की 2 परियोजनाओं को इसमें रखा गया है। यहां अभी नींव स्तर का ही काम हुआ है। बी और सी कैटिगरी की परियोजनाओं को पूरा करने में सबसे ज्यादा वक्त लगेगा। आम्रपाली मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि सीसी (कंप्लीशन सर्टिफिकेट) दिया जाए। इससे फ्लैट में रहने वाले रजिस्ट्री करा सकेंगे। बायर्स से बकाया लेकर प्रॉजेक्ट पूरा कराने की बात कही गई है, लेकिन यह काफी कम है। नोएडा के 7 प्रॉजेक्ट पूरे करने के लिए करीब 1328 करोड़ रुपए की जरूरत होगी। वहीं ग्रेटर नोएडा के 5 अधूरे प्रॉजेक्ट पूरे कराने के लिए करीब 7741 करोड़ रुपए की जरूरत होगी। इसके अलावा एनबीसीसी का कमीशन 774.17 करोड़ रुपए होगा।

इन सोसायटियों में जल्दी मिलेगा फ्लैट 
सफायर फेज-1, सफायर फेज-2, सिलीकॉन सिटी, जोडिएक, ऐडन पार्क, प्लेटिनम, कास्टल और लेजर वैली का थोड़ा सा हिस्सा (887 फ्लैट) को ए कैटिगरी में रखा गया है। इस फेज में 11403 फ्लैट हैं। इस ग्रुप में विभिन्न औपचारिकताएं पूरी होने पर 30 दिन के अंदर काम शुरू कर सकते हैं। साथ ही 6 माह से लेकर 12 माह के अंदर पजेशन दिया जा सकता है। ये ऐसी सोसायटियां हैं, जिनमें लिफ्ट, फायर फाइटिंग सिस्टम, एसटीपी, पुताई, लीकेज और सीपेज जैसी चीजें पेंडिंग हैं। ऐसे में यहां काम पूरा होने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। 

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