Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Jun, 2021 02:42 PM
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनबीसीसी ने शुक्रवार को जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (जेआईएल) के अधिग्रहण के लिए अपनी अंतिम बोली सौंपी। उसकी प्रतिद्धंदी कंपनी सुरक्षा समूह ने इसके लिए और सात दिन का समय मांगा है। एनबीसीसी और सुरक्षा समूह कर्ज बोझ तले दबी...
नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनबीसीसी ने शुक्रवार को जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (जेआईएल) के अधिग्रहण के लिए अपनी अंतिम बोली सौंपी। उसकी प्रतिद्धंदी कंपनी सुरक्षा समूह ने इसके लिए और सात दिन का समय मांगा है। एनबीसीसी और सुरक्षा समूह कर्ज बोझ तले दबी रियल्टी क्षेत्र की कंपनी जेआइएल के अधिग्रहण की दौड़ में शामिल हैं। दिवाला संहिता के तहत जेआईएल को ऋण समाधान हेतु नए निवेशकों को नीलाम किया जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि एनबीसीसी ने अंतिम बोली सौंप दी है और यह दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) प्रावधानों और इस साल मार्च में उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुरूप है। वहीं सुरक्षा समूह ने ऋणदाताओं को एक पत्र लिखकर बोली के लिए सात दिन का और समय मांगा है ताकि वह 18 मई को सौंपी गई अपनी पहले की बोली को और आकर्षक बना सके। सूत्रों का कहना है कि समूह लंबित परियोजनाओं में फ्लैट को पूरा करने की समयसीमा को पहले के 42 माह के मुकाबले कम समय में पूरा करना चाहता है।
बहरहाल, सूत्रों के मुताबिक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सुरक्षा समूह को बोली सौंपने के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा या नहीं। जेआईएल के ऋणदाताओं ने पिछले सप्ताह एनबीसीसी और सुरक्षा समूह दोनों को ही अंतिम बोलियां सौंपने के लिए अधिक समय देने का फैसला किया था। दोनों प्रतिद्वंदियों को बोली के लिए और समय देने पर फैसला लेने के लिए 27 मई को दो दिन की मतदान प्रक्रिया शुरू हुई थी। इससे पहले 24 मई को जेआईएल के ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने सुरक्षा समूह की बोली पर मतदान प्रक्रिया को स्थगित कर दिया था और दोनों को अंतिम पेशकश सौंपने के लिए अतिरिक्त समय दिए जाने को लेकर मतदान प्रक्रिया शुरू की थी। जेआईएल के लिए बोलियां सौंपने का यह चौथा दौर है। जेआईएल अगस्त 2017 में दिवाला प्रक्रिया के तहत चली गई थी। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने आईडीबीआई बैंक के नेतृत्व वाले बैंक समूह के आवेदन को इस संबंध में स्वीकार किया था।