Edited By Supreet Kaur,Updated: 17 Aug, 2019 08:58 AM
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनबीसीसी ने कहा कि वह आम्रपाली की अटकी पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने में अपनी तरफ से कोई धन नहीं लगाएगी। इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 8,500 करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत है। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी..
नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनबीसीसी ने कहा कि वह आम्रपाली की अटकी पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने में अपनी तरफ से कोई धन नहीं लगाएगी। इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 8,500 करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत है। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी को आठ प्रतिशत कमीशन पर आम्रपाली समूह की लंबित पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए कहा था।
एनबीसीसी के कार्यकारी निदेशक (वित्त) योगेश शर्मा ने अटकी परियोजनाओं की शेष निर्माण लागत और वित्तपोषण से जुड़े निवेशक के एक सवाल के जवाब में कहा कि इसके लिए करीब 8,500 करोड़ रुपए के अनुमानित निवेश की जरुरत है। इसमें एनबीसीसी के लिए आठ प्रतिशत पीएमसी (परियोजना प्रबंधन परामर्श) मार्जिन भी शामिल है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने सहमति जताते हुए आदेश दिया है। एनबीसीसी ने शेयर बाजारों के साथ निवेशकों के साथ बातचीत का पूरा ब्योरा साझा किया है।
शर्मा ने कहा, "पूंजी की व्यवस्था के बारे में स्पष्ट रूप से हमारे प्रस्ताव में उल्लेख किया गया है और शीर्ष कोर्ट ने इस पर सहमति जताई है। इसमें स्पष्ट कहा गया है कि पूंजी की व्यवस्था शीर्ष कोर्ट अपने विभिन्न तंत्रों के माध्यम से करेगा , यह तंत्र आम्रपाली समूह की कंपनियों के जरिये काम कर रहा है। एनबीसीसी अपने स्तर पर परियोजना के निर्माण में एक भी पैसा निवेश नहीं करेगी।" उन्होंने कहा कि आम्रपाली की परियोजनाओं को पूरा करने में करीब चार से पांच साल का समय लग सकता है।