Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Mar, 2020 03:49 PM
Jaypee के अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए NBCC को हरी झंडी मिल गई है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने मंगलवार को NBCC के ऑफर को मंजूरी दे दी है। इसमें तकरीबन 21,000 होमबॉयर्स को अपार्टमेंट, प्लॉट और विला देना है। इससे NBCC जेपी के अधूरे...
नई दिल्लीः Jaypee के अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए NBCC को हरी झंडी मिल गई है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने मंगलवार को NBCC के ऑफर को मंजूरी दे दी है। इसमें तकरीबन 21,000 होमबॉयर्स को अपार्टमेंट, प्लॉट और विला देना है। इससे NBCC जेपी के अधूरे प्रोजेक्टस को पूरा करेगा। NCLT के कार्यवाहक अध्यक्ष BSV प्रकाश की अध्यक्षता वाली पीठ ने जेपी इन्फ्रा टेक के साथ-साथ उसकी ताज एक्सप्रेस वे परियोजना को PSU कंपनियों द्वारा अधिग्रहण करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। एक बार लिखित आदेश जारी होने के बाद इसकी पूरी जानकारी मिल जाएगी।
ट्रिब्यूनल ने यह भी फैसला दिया है कि जेपी एसोसिएट्स के 750 करोड़ रुपये भी इस योजना के हिस्सा में होंगे। यानी बॉयर्स के हित में खर्च किए जाएंगे। यह पैसा सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा है। इससे NBCC अटी योजनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी। पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि JIL की 858 एकड़ जमीन को गलत तरीके से गिरवी रखा गया था।
NCLT का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की डेडलाइन खत्म होने से ठीक पहले आया है। यह मामला अगस्त 2017 में NCLT में गया था। इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार और RBI ने 12 हाई प्रोफाइल के खिलाफ इनसॉल्वेंसी की प्रक्रिया शुरू करने की इजाजत दी थी।
इस मामले में सरकारी सूत्रों का कहना है कि इस फैसले को लागू होने में अभी कुछ और समय लग सकता है। क्योंकि NCLT के फैसले के खिलाफ कोई भी National Company Law Appellate Tribunal (NCLAT) या सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है। NCLT के इस फैसले से अपने घरों के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे लोगों में खुशी का माहौल है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि NBCC अपने तय से पहले 2014 के मध्य तक प्रोजेक्ट पूरा कर लेगा।
सरकार के लिए भी यह मुश्किल का फैसला रहा। खुद वित्त मंत्री सीतारमण ने इस मामले में कुछ महीने पहले कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय के साथ मिलकर NBCC को ये जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार किया। इस मामले को अंजाम तक पहुंचाने में लेंडर्स और बैंकों और उत्तर प्रदेश सरकार का भी बड़ा योगदान रहा है।