Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Apr, 2022 03:13 PM
एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने सोमवार को कहा कि बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी) के बीच नियमों के सामंजस्य से देश की सबसे बड़ी आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड और निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक के
मुंबईः एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने सोमवार को कहा कि बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी) के बीच नियमों के सामंजस्य से देश की सबसे बड़ी आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड और निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक के विलय की राह खुली। पारेख ने कहा कि विलय की चर्चा पिछले तीन हफ्तों में हुई और बताया कि गैर-निष्पादित संपत्तियों की पहचान जैसी आवश्यकताएं तथा एनबीएफसी के लिए आकार आधारित नियमों में बदलाव देखने को मिलेंगे।
पारेख ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान नियमों में सामंजस्य हुआ है, जो नियामकीय जटिलताओं के कारण एक अलग आवास वित्त कंपनी चलाने की जरूरत को कम करता है। उन्होंने कहा कि एक आवास वित्त कंपनी होने के चलते एचडीएफसी के पास प्राथमिक क्षेत्रों के ऋण नहीं दे सकती है, और उसे देनदारियों के लिए वैधानिक तरलता अनुपात या नकद आरक्षित अनुपात का पालन करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इसलिए कुछ छूट पाने के लिए केंद्रीय बैंक को एक आवेदन किया गया है, जहां आरबीआई संपत्ति और देनदारियों के उन हिस्सों के मिलान के लिए समय दे सकता है।
पारेख ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि नियामक विलय योजना को मंजूरी देंगे। उन्होंने कहा कि विलय के बाद बनी इकाई की संयुक्त बैलेंस शीट 17.87 लाख करोड़ रुपए और कुल संपत्ति 3.3 लाख करोड़ रुपए होगी। पारेख ने यह भी कहा कि एचडीएफसी-एचडीएफसी बैंक के विलय से एचडीएफसी लिमिटेड के कर्मचारियों पर कोई असर नहीं होगा।