Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 May, 2022 02:26 PM
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें रतनइंडिया फाइनेंस को संयुक्त उद्यम के साझेदार बिपिन काबरा को छह जुलाई तक मुख्य वित्तीय अधिकारी नियुक्त करने का...
नई दिल्लीः राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें रतनइंडिया फाइनेंस को संयुक्त उद्यम के साझेदार बिपिन काबरा को छह जुलाई तक मुख्य वित्तीय अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया गया था। एनसीएलटी की दिल्ली पीठ ने रतनइंडिया फाइनेंस को बिपिन काबरा को अपना मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) नियुक्त करने का निर्देश 29 मार्च को दिया था।
एनसीएलटी ने संयुक्त उद्यम साझेदार एलएसएफ 10 रोज इंवेस्टमेंट्स की अपील पर यह आदेश दिया था। एलएसएफ 10 रोज इंवेस्टमेंट्स, अमेरिका स्थित निजी इक्विटी फर्म लोन स्टार फंड्स (एलएसएफ) की सहायक कंपनी है, और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी रतनइंडिया फाइनेंस (आरएफ) में उसकी 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस आदेश को राजीव रतन, अंजलि नाशियर और हेमलिन ट्रस्ट ने अपीलीय न्यायाधीकरण एनसीएलएटी में चुनौती दी थी।
एनसीएलएटी की तीन सदस्यीय पीठ ने मामले पर सुनवाई की अगली तारीख छह जुलाई तय करते हुए कहा, ‘‘अगली सुनवाई तक, 29 मार्च 2022 को जारी आदेश के क्रियान्वयन पर रोक रहेगी।''