Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Sep, 2018 04:24 PM
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने शुक्रवार को फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रवर्तक शिविंदर मोहन सिंह को अपने बड़े भाई मालविंदर सिंह और रेलिगेयर के पूर्व प्रमुख सुनील गोधवानी के खिलाफ दायर अपनी याचिका वापस लेने को मंजूरी दे दी।
नई दिल्लीः राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने शुक्रवार को फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रवर्तक शिविंदर मोहन सिंह को अपने बड़े भाई मालविंदर सिंह और रेलिगेयर के पूर्व प्रमुख सुनील गोधवानी के खिलाफ दायर अपनी याचिका वापस लेने को मंजूरी दे दी। शिविंदर ने इससे पहले आरोप लगाया था कि उनके बड़े भाई तथा गोधवानी की गतिविधियों की वजह से कंपनियों तथा उनके शेयरधारकों के हित प्रभावित हुए हैं।
एनसीएलटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति एमएम कुमार की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने शुक्रवार को शिविंदर को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी। हालांकि, रेलिगेयर के वकील, ने कहा कि सिंह बंधु पर कंपनी के कोष में हेराफेरी करने का आरोप है। रेलिगेयर इस मामले में पक्षकार है।
रेलिगेयर की ओर से पेश वकील अभिनव वशिष्ठ ने कहा, 'हम उनसे वह रकम वसूलना चाहते हैं।' इस पर एनसीएलटी ने कहा, 'यदि आप कोई कार्यवाही शुरू करना चाहते हैं तो उसके लिए एक अलग आवदेन दें।' शिविंदर ने गुरुवार को कहा था कि मां की सलाह पर उन्होंने मालविंदर और गोधवानी के खिलाफ याचिका वापस लेने का फैसला किया है।