Edited By ,Updated: 31 Jul, 2016 07:16 PM
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एन.सी.आर.) दिल्ली में पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध तथा प्रस्तावित वाहन आधुनिकीकरण कार्यक्रम से अगले 2 सालों में यात्री गाड़ियों की बिक्री में करीब 3 प्रतिशत की तेजी आएगी।
नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एन.सी.आर.) दिल्ली में पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध तथा प्रस्तावित वाहन आधुनिकीकरण कार्यक्रम से अगले 2 सालों में यात्री गाड़ियों की बिक्री में करीब 3 प्रतिशत की तेजी आएगी। बाजार अध्ययन एवं साख निर्धारण एजेंसी इक्रा ने एक बयान में कहा कि इसके अलावा दोपहिया वाहनों की बिक्री में भी तीन प्रतिशत तक की वृद्धि आएगी। इस दौरान व्यावसायिक वाहनों की बिक्री में 6 से 7 प्रतिशत तक की बढ़ौतरी का अनुमान है।
एजैंसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुब्रत रे ने सरकार की स्क्रैपेज नीति की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे वाहनों के मालिकों को पुराने वाहन हटाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, 'दिल्ली-एन.सी.आर., केरल एवं छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध के बाद यह नीति वाहन मालिकों के लिए फायदेमंद हो सकती है। पुराने डीजल वाहनों का बाजार मूल्य लगातार गिर रहा है, ऐसे में टैक्सी तथा पुराने ट्रक मालिकों के लिए स्क्रैपेज नीति काफी आकर्षक साबित होगी।' उन्होंने आगे कहा, 'यदि करीब 5 प्रतिशत वाहन मालिकों ने भी स्क्रैपेज नीति का लाभ उठाने का निर्णय लिया तो इससे यात्री वाहनों की बिक्री में 3 प्रतिशत की अतिरिक्त वृद्धि हो सकती है। दोपहिया वाहनों की बिक्री भी 3 प्रतिशत तक तथा व्यावसायिक वाहनों की बिक्री 6 से 7 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।'
उल्लेखनीय है कि देश में 11 वर्ष से पुराने अनुमानत: करीब 2.5 करोड़ वाहन चल रहे हैं। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एन.जी.टी.) ने दिल्ली-एन.सी.आर. में पिछले महीने 10 साल से पुराने डीजल वाहनों तथा 15 साल से पुराने पैट्रोल वाहनों का पंजीकरण रद्द करने का आदेश दिया था।