Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Dec, 2017 04:41 PM
मीडिया कंपनी एनडीटीवी आंतरिक पुनर्गठन के तहत कर्मचारियों की संख्या में एक चौथाई कमी करने का विचार कर रही है। कंपनी अब अपने मुख्य कारोबार पर ध्यान केंद्रित करेगी। एनडीटीवी ने एक नियामकीय सूचना में कहा, ‘‘अपने काम की प्राथमिकता के पुर्निनर्धारण को...
नई दिल्लीः मीडिया कंपनी एनडीटीवी आंतरिक पुनर्गठन के तहत कर्मचारियों की संख्या में एक चौथाई कमी करने का विचार कर रही है। कंपनी अब अपने मुख्य कारोबार पर ध्यान केंद्रित करेगी। एनडीटीवी ने एक नियामकीय सूचना में कहा, ‘‘अपने काम की प्राथमिकता के पुर्निनर्धारण को देखते हुए कार्यबल में भी बदलाव लाया जाएगा। अगले महीने में हम कार्यबल में 25 प्रतिशत तक की कटौती पर विचार कर रहे हैं। हम ऐसे कर्मचारियों को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने कठिन मेहनत की और योगदान किया तथा अब जा रहे हैं।’’
मीडिया कंपनी ने कहा कि उसने लागत में कटौती तथा लाभ में सुधार के लिए कार्य योजना शुरू की है। उसने कहा, ‘‘योजना का एक हिस्सा पिछली तिमाही में लागू किया गया तथा मोबाइल पत्रकारिता समेत नई प्रौद्योगिकी शामिल की ओर कदम बढ़ाए गए हैं।’’ एनडीटीवी ने कहा कि वह जो रणनीति अपना रही है, उसमें कारोबार को सुगठित किया जाए। इसमें केवल मुख्य काम पर ध्यान दिया जाएगा। इसमें अंग्रेजी और हिंदी समाचार चैनल तथा एनडीटीवी कन्वर्जेन्स तथा उसकी डिजिटल टीम शामिल है जो समाचार और अन्य वेबसाइट का परिचालन करती है। कंपनी के अनुसार इसका मतलब है कि उन सभी संबद्ध कारोबार को कम किया जाएगा जिसे एनडीटीवी ने पिछले कुछ साल में विस्तार किया।
उल्लेखनीय है कि एनडीटीवी गैर-प्रमुख कारोबार से बाहर निकल रही है। सितंबर में कंपनी के शेयरधारकों ने उसकी वाहन ई-कामर्स कंपनी ‘फिफ्थ गीयर वेंचर्स’ को आटोबाइट प्राइवेट लि को बेचने की अनुमति दी। एनडीटीवी को 30 जून 2017 को समाप्त तिमाही में 22.01 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ। कंपनी को एक साल पहले इसी अवधि में 44.55 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ था।