Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Oct, 2017 05:51 PM
नीति आयोग के सदस्य वी.के. सारस्वत ने कहा है कि इलैक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में वैश्विक इकाई बनने के लिए
नई दिल्ली: नीति आयोग के सदस्य वी.के. सारस्वत ने कहा है कि इलैक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में वैश्विक इकाई बनने के लिए लीथियम-आयन बैटरी (एल.आई.बी.) विनिर्माण को लेकर बड़े आकार के कारखाने लगाने की जरूरत है। सारस्वत ने कहा कि सरकार इलैक्ट्रिक वाहनों को बड़े पैमाने पर आगे बढ़ाने पर ध्यान दे रही है, ऐसे में इस प्रकार के वाहनों में लीथियम-आयन बैटरी के उपयोग की लागत में कमी एक बड़ी चुनौती होगी।
भारत ने 2030 तक देश में सिर्फ इलैक्ट्रिक कारें चलाने का लक्ष्य रखा है। इसका मकसद ईंधन आयात बिल तथा वाहनों को चलाने में आने वाले खर्च में कमी लाना है। सारस्वत ने कहा कि ई-वाहनों का अंतिम लक्ष्य प्रदूषण से लडऩा है, ऐसे में तब देश इस प्रकार के वाहनों को अपना रहा है तो बिजली सौर और पवन जैसे अक्षय ऊर्जा स्रोत से ही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश को इलैक्ट्रिक वाहनों के चाॄजग के लिए बुनियादी ढांचा भी तैयार करने की जरूरत होगी।