Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Mar, 2019 12:34 PM
वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के लिए बैंक 1,000 करोड़ रुपए की मदद का प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं लेकिन एयरलाइन पर देनदारी 25,000 करोड़ रुपए के आसपास पहुंच गई है। इसलिए इंडस्ट्री सूत्रों का कहना है
मुंबईः वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के लिए बैंक 1,000 करोड़ रुपए की मदद का प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं लेकिन एयरलाइन पर देनदारी 25,000 करोड़ रुपए के आसपास पहुंच गई है। इसलिए इंडस्ट्री सूत्रों का कहना है कि बिजनेस में बने रहने के लिए जेट को कम से कम 10,000 करोड़ रुपए की जरूरत है।
1000 रुपए से सैलरी, कैंसिलेशन रिफंड भी संभव नहीं
पिछले कुछ समय में जेट एयरवेज का मार्केट शेयर गिरा है। दूसरे नंबर से फिसलकर फरवरी में यह चौथे नंबर पर आ गई। इसके पायलट और अन्य क्रू मेंबर दूसरी विमानन कंपनियों से संपर्क कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार 1,000 करोड़ रुपए से तो सैलरी और कैंसिल हुए टिकट की राशि वापस करना भी संभव नहीं होगा।
इंडस्ट्री की प्रतिक्रिया ऐसे समय में आ रही है जब सरकार के अधिकारी खुद इस मामले को देख रहे हैं। अगर जेट एयरवेज दिवालिया होती है तो 16,500 लोगों की नौकरी जा सकती है। सरकार लोकसभा चुनाव को देखते हुए ऐसा नहीं चाहती है। इससे सरकार की साख को नुकसान हो सकता है।
सूत्रों के मुताबिक सरकार ने बैंकों को निर्देश दिए कि वे जेट एयरवेज को बचाने के लिए हर संभव कोशिश करें। बैंकों ने संकेत दिया है कि जेट के मैनेजमेंट में बदलाव होने पर वे ऐसा कर सकते हैं।