Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Jan, 2022 03:07 PM
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने शुक्रवार को देश में मछली उत्पादन को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर दिया और मछली निर्यात के साथ इसकी घरेलू खपत बढ़ाने का आह्वान किया। वर्ष 2019-20 के दौरान 1.416 करोड़ टन के उत्पादन के साथ भारत...
नई दिल्लीः मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने शुक्रवार को देश में मछली उत्पादन को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर दिया और मछली निर्यात के साथ इसकी घरेलू खपत बढ़ाने का आह्वान किया। वर्ष 2019-20 के दौरान 1.416 करोड़ टन के उत्पादन के साथ भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है।
उद्योग मंडल सीआईआई के सम्मेलन को संबोधित करते हुए रूपाला ने कहा कि मत्स्य पालन क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और नवाचारों की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकियां मछली के उत्पादन को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं। मंत्री ने अपव्यय को कम करने के लिए मत्स्य पालन क्षेत्र में मछली पकड़ने के उपरांत जरूरी बुनियादी ढांचे के निर्माण तथा और उनके मूल्यवर्धन पर भी जोर दिया।
रूपाला ने कहा कि ‘फ्रोजेन’ मछली की मांग पैदा करके मछली की घरेलू खपत बढ़ाने पर ध्यान देने की जरूरत है। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री एल मुरुगन ने कहा कि सरकार पिछले सात वर्षों में इस महत्वपूर्ण क्षेत्र के विकास और मछुआरों की आय बढ़ाने पर ध्यान दे रही है।
मत्स्य विभाग के मत्स्य पालन सचिव जतिंद्र नाथ स्वैन ने कहा कि मत्स्य पालन खंड लोगों को पोषण सुरक्षा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि सरकार अगले 4-5 वर्षों में मछली उत्पादन को बढ़ाकर 2.2 करोड़ टन करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।