Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Jul, 2021 03:54 PM
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) को नए सिरे से पेश करने की वकालत की है। उद्योग मंडल ने रविवार को कहा कि पीएमएवाई को नए सिरे से पेश कर इसमें अनिवार्य रूप से सभी ऋणदाताओं के लिए ऋण से जुड़े जीवन बीमा के प्रावधान को...
नई दिल्लीः भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) को नए सिरे से पेश करने की वकालत की है। उद्योग मंडल ने रविवार को कहा कि पीएमएवाई को नए सिरे से पेश कर इसमें अनिवार्य रूप से सभी ऋणदाताओं के लिए ऋण से जुड़े जीवन बीमा के प्रावधान को जोड़ने की जरूरत है। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि प्रमुख कर्जदार की मृत्यु होने या दिव्यांगता की स्थिति में भी ‘सभी को घर' प्रदान करने का लक्ष्य भटकेगा नहीं।
भारत 2022 में अपनी आजादी के 75 साल पूरे कर रहा है। पीएमएवाई ‘सभी के लिए घर' का सरकार का महत्वाकांक्षी मिशन है। उद्योग मंडल ने बयान में कहा कि इस योजना में पहले से बीमा का प्रावधान जोड़ा नहीं गया है। ऐसे में यह योजना कर्ज लेने वाले की मृत्यु या दिव्यांगता के जोखिमों को पूरा नहीं करती है। सीआईआई ने कहा कि यदि योजना में बीमा को जोड़ दिया जाता है, तो सभी परिस्थतियों में ‘सभी के लिए घर' के लक्षित लाभ को हासिल किया जा सकेगा।
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ‘‘पीएमएवाई योजना को नए सिरे से पेश करने की जरूरत है। इसमें पहले से बीमा का प्रावधान होना चाहिए। इससे किसी कर्जदार की मृत्यु होने या उसके दिव्यांग होने पर भी हम इस योजना के सभी के लिए घर के लक्षित लक्ष्य को पूरा कर सकेंगे।'' बनर्जी ने कहा कि महामारी की वजह से नागरिकों का जीवन और आजीविका प्रभावित हुई है। इस दौर में परिवारों का संरक्षण काफी महत्वपूर्ण हो गया है। समाज के सभी वर्गों के लोगों को अपनी चिकित्सा की लागत को पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। साथ ही लोगों को बेरोजगारी तथा मुद्रास्फीतिक दबाव से भी जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि योजना में शुरुआत से ही बीमा का प्रावधान जुड़ा होने से न्यूनतम बदलाव के जरिए हम जोखिम संरक्षण की कमी को दूर कर पाएंगे।