CONSUMER FORUM: इलाज में लापरवाही से हुई मरीज की मौत, अब अस्पताल देगा मुआवजा

Edited By Supreet Kaur,Updated: 22 Jun, 2018 10:13 AM

negligent patient dies in treatment hospital will now be compensated

लापरवाही के चलते एक मरीज की मौत के 22 साल बाद पश्चिम बंगाल के एक अस्पताल को 19.2 लाख रुपए का मुआवजा मृतक के परिजनों को देना होगा। एक केस की सुनवाई के दौरान उपभोक्ता अदालत ने यह फैसला सुनाया।

कोलकाताः लापरवाही के चलते एक मरीज की मौत के 22 साल बाद पश्चिम बंगाल के एक अस्पताल को 19.2 लाख रुपए का मुआवजा मृतक के परिजनों को देना होगा। एक केस की सुनवाई के दौरान उपभोक्ता अदालत ने यह फैसला सुनाया।

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क्या है मामला
12 जून 1996 को 15 साल का दीनानाथ चौधरी चंदन नगर स्थित गोंडलपारा जूट मिल से अपने घर वापस आ रहा था, जहां उसके पिता काम करते थे। तभी रास्ते में उसे एक आवारा कुत्ते ने काट लिया। अगली सुबह उसे चंदन नगर सब- डिवीजनल अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने बिना कोई ध्यान दिए पीड़ित को घर वापस भेज दिया।

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कोई फायदा होते न देख परिवार 5 दिन बाद दोबारा अस्पताल आया। इसी दौरान पीड़ित को ऐंटी रैबीज इंजैक्शन दिया गया, इसके बाद 10 दिन तक दीनानाथ को रोज ऐंटी रैबीज का इंजैक्शन लगाया गया लेकिन हालत में सुधार के बजाय और बिगड़ती चली गई। इसके बाद 7 अगस्त को उसे बेलीघाटा के आई.डी. अस्पताल ले जाया गया जहां दो दिन बाद उसकी मौत हो गई। परिवार ने कहा कि अस्पताल की लापरवाही के कारण उसकी मौत हुई है।

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यह कहा फोरम ने
शुरूआत में मानव अधिकार कमिशन की एक एक्सपर्ट कमिटी ने कहा कि ऐंटी रैबीज वैक्सीन प्रभावहीन थी, यह भी कहा गया कि इसे ठीक तरीके से प्रिजर्व नहीं किया गया था और साथ ही दीनानाथ को सही दवाई नहीं दी गई थी। आखिरकार फोरम ने आरोपी अस्पताल को एक महीने के अंदर मुआवजे की राशि और 10,000 रुपए वाद व्यय के रूप में पीड़ित के परिवार को देने का आदेश दिया। 
 

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