Edited By Supreet Kaur,Updated: 24 May, 2018 06:59 PM
पैट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से आम जनता को राहत दिलाने के लिए मोदी सरकार बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। सरकार ओएनजीसी जैसी तेल कंपनियों पर विंडफाल टैक्स लगा सकती है। सरकार की इस टैक्स की रकम से तेल कंपनियों को भुगतान करने की योजना है। इसके...
नई दिल्लीः पैट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से आम जनता को राहत दिलाने के लिए मोदी सरकार बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। सरकार ओएनजीसी जैसी तेल कंपनियों पर विंडफाल टैक्स लगा सकती है। सरकार की इस टैक्स की रकम से तेल कंपनियों को भुगतान करने की योजना है। इसके अलावा राज्यों को सेस और वैट घटाने को भी कहा जा सकता है। यह टैक्स कच्चे तेल के भाव 70 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर जाते ही प्रभावी हो जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि इस तरह वसूल होने वाले राजस्व का उपयोग पेट्रोलियम ईंधन का खुदरा कारोबार करने वाली कंपनियों की मदद के लिए किया जाएगा ताकि वे तेल की कीमतें को एक स्तर से ऊपर जाने से रोकने में समर्थ हों। ग्राहकों को तुरंत राहत देने के लिए इसे उत्पाद शुल्क में मामूली बदलाव के साथ लागू किया जा सकता है। साथ ही खुदरा कीमतों में बड़ी कमी दर्शाने के लिए राज्य सरकारों से भी बिक्री कर या मूल्यर्विधत कर (वैट) घटाने के लिए कहा जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि सरकार का विचार सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्र के तेल उत्पादकों पर उपकर लगाने का है ताकि सार्वजनिक तेल उत्पादकों द्वारा इसका विरोध नहीं किया जा सके। इसी तरह का कर लगाने का विचार 2008 में भी किया गया था, जब तेल कीमतें उच्च स्तर पर थी लेकिन केयर्न इंडिया जैसी निजी कंपनियों के विरोध के बाद इसे ठंडे बस्ते में डालना पड़ा था। सूत्रों ने कहा कि अप्रत्याशित लाभ पर कर को सरकार बढ़ीं कीमतों से निपटने के लिए स्थायी समाधान के विकल्प के रूप में विचार कर रही है। ब्रिटेन और चीन जैसे देशों में इस प्रकार के कर का प्रयोग किया जा चुका है।